– राजभवन में पूर्वोत्तर भ्रमण पर आए बनारस नगर निगम के पार्षदों का अभिनन्दन
– भारत की संस्कृतिक पुनर्जागरण में दें सहयोग : राज्यपाल
गुवाहाटी, 16 सितंबर (Udaipur Kiran) । राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने कहा है कि विश्व में एक बार फिर भारत की संस्कृति गुंजायमान हो रही है। हमारी संस्कृति के पुनर्जागरण में सभी देशवासियों से सहयोग सदैव अपेक्षित है। राजभवन में काशी से आए बनारस नगर निगम के पार्षदों के लिए आयोजित अभिनन्दन समारोह को राज्यपाल आचार्य संबोधित कर रहे थे। गौरतलब है कि बनारस नगर निगम के पौर अध्यक्ष नरसिंह दास के नेतृत्व में पार्षदों का 71 सदस्यीय दल पूर्वोत्तर के भ्रमण पर निकला है। इस उद्देश्य से यह दल 14 सितंबर की रात असम राजभवन पहुंचा। इस भ्रमण दल के स्वागत में एक अभिनन्दन समारोह का आयोजन किया गया।
समारोह में उपस्थित पार्षदों का अभिनन्दन करते हुए राज्यपाल आचार्य ने कहा कि आप सभी विश्व की सांस्कृतिक राजधानी काशी, सर्वविद्या की राजधानी काशी तथा प्रधानमंत्री की काशी से आप सभी पधारें हैं। उन्होंने कहा कि काशी और असम में बहुत सी विशेषताएं और समानताएं हैं। काशी बाबा विश्वनाथ, काल भैरव, माता अन्नपूर्णा की नगरी है, तो असम भी शक्तिपीठ मां कामाख्या, उमानन्द भैरव की पावन धरा है। असम महापुरुष शंकरदेव की धरती है। यहां महाबाहु ब्रह्मपुत्र की शीतल जलधारा बहती है। असम पूर्वोत्तर का प्रमुख केंद्र है। यह प्रदेश प्राकृतिक सौंदर्य से आच्छादित है। काशी की तरह असम भी ‘मिनी भारत’ है। यहां बिहार, बंगाल, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडू और विभिन्न राज्यों के लोग बसते हैं। उन्होंने कहा कि अनेकता में एकता की जो हमारे देश की विशेषता है, वह असम में भी देखने को मिलती है।
राज्यपाल आचार्य ने कहा कि हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं आपने पूरा देश देखा और पूर्वोत्तर के राज्यों को नहीं देखा तो आपने पूरा भारत नहीं देखा। उन्होंने कहा कि आप सभी पार्षदगण आज असम आएं हैं और फिर पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों का भ्रमण करेंगे, तो आप गर्व कर सकेंगे की आपने पूरा भारत देख लिया।
राज्यपाल ने पार्षदों को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी पूरे काशी का प्रतिनिधित्व करते हैं। आप सभी काशी की पहचान हैं। आपसे ही काशी है और काशी से आप हैं। आप गंगा के किनारे रहते है, प्रयागराज जाते हैं तो संगम, यमुना और सरस्वती की झलक पाते हैं। आज आप सभी ब्रह्मपुत्र के तट के पास बैठे हैं और मुझे विश्वास है कि आप सभी काशी से असम को जोड़ पा रहे हैं। आचार्य ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व पटल पर हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। भारत की कला-संस्कृति भी विश्व में गुंजायमान हो रही है। इसलिए यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम भारत की संस्कृति के पुनर्जागरण में साथी बनकर हमारे देश की पहचान को आगे बढ़ाएं।
इस अभिनन्दन समारोह में एक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें असम की कला-संस्कृति की अनूठी झलक प्रस्तुत की गई। इस कार्यक्रम में स्थानीय कलाकारों ने बिहू नृत्य, सत्रिया नृत्य और बागुरूम्बा नृत्य प्रस्तुत कर उपस्थित दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश