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दलित किशोरी को अगवा कर दुष्कर्म के दोषी को उम्रकैद 

प्रतीकात्मक

फिरोजाबाद, 21 नवंबर (Udaipur Kiran) । न्यायालय ने गुरुवार को दलित किशोरी से दुष्कर्म के दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उस पर अर्थ दंड भी लगाया है। अर्थदंड न देने पर अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

थाना नारखी क्षेत्र निवासी एक नाबालिक किशोरी को 2007 में भोले पुत्र जर्मन सिंह निवासी मोइनुद्दीनपुर थाना नारखी बहला फुसला कर भगा ले गया था। घटना के बाद भोला ने घर जाकर किशोरी की मां को तमंचा दिखा धमकाया। किशोरी की मां से कहा रिपोर्ट की तो वही हाल करूंगा जो तेरे पति का किया था। तुझे गोली से उड़ा दूंगा। किशोरी की मां ने भोला के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। विवेचना के बाद पुलिस ने न्यायालय में 9 सितंबर 2008 को आरोप पत्र दाखिल कर दिया।

मुकदमा अपर सत्र न्यायाधीश, विशेष न्यायाधीश एससी एसटी एक्ट नवनीत कुमार गिरि की अदालत में चला। अभियोजन पक्ष की तरफ से मुकदमे की पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक नरेंद्र सिंह सोलंकी ने बताया कि मुकदमे के दौरान सात गवाहों ने गवाही दी। कई साक्ष न्यायालय के सामने प्रस्तुत किए गए। गवाहों की गवाही तथा साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने आरोपित भोला को किशोरी को बहला फुसला कर ले जाने, बलात्कार, अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम का दोषी माना।

वहीं पुलिस पैरोकार जगदीश सिंह ने बताया कि भोला पर कई मुकदमे हैं। न्यायालय ने भोला को किशोरी को बलात्कार व अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय ने उस पर एक लाख पेंतीस हजार रुपये का अर्थ दंड लगाया है। अर्थ दंड न देने पर उसे अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। न्यायालय ने अर्थ दंड की 50% राशि पीड़िता को देने के आदेश दिए हैं।

(Udaipur Kiran) / कौशल राठौड़

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