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थानाध्यक्ष की हत्या के आरोप में नौ लोगों को उम्र कैद

थानाध्यक्ष की हत्या के आरोप में नौ लोगों को उम्र कैद

– 39 वर्ष पूर्व ईंट से कूँचकर थानाध्यक्ष की हुई थी हत्या

जौनपुर, 31 जुलाई (हि .स.)। जिला एवं सत्र न्यायाधीश वाणी रंजन अग्रवाल की अदालत ने 39 वर्ष पूर्व गिरफ्तारी के विरोध में हमला करके थानाध्यक्ष सुरेरी की हत्या करने के नौ आरोपियों को दोषसिद्ध पाते हुए बुधवार को आजीवन कारावास एवं 10,000 जुर्माने से दंडित किया।

अभियोजन कथानक के अनुसार उप निरीक्षक बब्बन सिंह ने सुरेरी थाने में अभियोग पंजीकृत करवाया की 18 दिसम्बर 1985 को वह थानाध्यक्ष सुरेरी अमरनाथ भारती, उप निरीक्षक साहब लाल राय, कांस्टेबल हरिकेश व झुल्लन प्रसाद के साथ सुरेरी के पुरवा मोदक गांव में सुबह 6:45 बजे पहुंचे जहां अभियुक्त बलिराम उर्फ बल्लर सिंह जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया था। उसे गिरफ्तार करके थाने की तरफ चले तभी 7:45 बजे सुखनंदन के खेत के पास गांव के शोभनाथ, ओमप्रकाश, जयप्रकाश, उत्तम, श्री राम, नान्हक, सुखऊ, दुखंदर मानिकचंद, चानिका, मोहन, रज्जब, नबीउल्ला, जल्ला व 50 अज्ञात लोग कट्टा, बल्लम, लाठी, डंडा, ईंट, पत्थर से पुलिस टीम पर हमला कर दिए। सोभनाथ ने थानाध्यक्ष अमरनाथ भारती को पीछे से बल्लम से मारा जब वह गिर गए तब बलिराम उर्फ बल्लर उनके सीने पर चढ़कर ईंट से कूँचकर उनकी हत्या कर दिये। पुलिस टीम पर फायरिंग भी की गई। बब्बन सिंह, झुल्लन प्रसाद और हरिकेश घायल हो गए। बल्लर ने थानाध्यक्ष की पिस्तौल व कारतूस भी छीन लिया। इस घटना में सुखनंदन की भी मृत्यु हो गई।

26 अभियुक्तों के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। जिला शासकीय अधिवक्ता सतीश कुमार पाण्डेय के द्वारा परीक्षित कराए गए गवाहों के बयान एवं पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के परिशीलन के पश्चात अदालत ने अभियुक्त गण मानिकचंद, जयप्रकाश, ओमप्रकाश, उत्तम, श्री राम, मोहन, नबीउल्लाह, रज्जब व लल्ला को भादंवि की धारा 302/149 के अंतर्गत आजीवन कारावास व 10,000 रुपए अर्थदंड से दंडित किया। मुकदमे की सुनवाई के दौरान सुखऊ, दुखंदर, व हीरालाल की मृत्यु हो जाने से उनके खिलाफ मुकदमा अबेट कर दिया गया। शेष आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में दोष मुक्त कर दिया।

(Udaipur Kiran) / विश्व प्रकाश श्रीवास्तव / विद्याकांत मिश्र

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