हमीरपुर,13 सितम्बर (Udaipur Kiran) । हत्या के चार साल पुराने मामले में अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम पीके जयंत की अदालत ने शुक्रवार को दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने 20 हजार का अर्थदंड भी लगाया है। जुर्माना जमा न करने पर एक वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी, जबकि एक आरोपी को दोष मुक्त किया है।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि मौदहा थानाक्षेत्र के रीवन गांव निवासी पीड़ित भाई यतेंद्र कुमार ने पुलिस को तहरीर दी थी। इसमें बताया था कि 22 मई 2022 को वह गांव में बीएसएनएल टाॅवर के पास अपना घर बना रहा था। उसके साथ उसके पिता व चाचा थे, जबकि उसका छोटा भाई देवराज सिंह वहीं बैठा था। शाम करीब साढ़े छह बजे उसके ही गांव का मनोज कुमार कुशवाहा उसके भाई को लिवाकर अपने घर की ओर ले गया। दानेबाबा मंदिर तक उन दोनों को उन्होंने देखा, फिर उसके बाद उन लोगों ने भाई की तरफ ध्यान नहीं दिया, क्योंकि मनोज उसके भाई का अच्छा मित्र था। जब दो से तीन घंटे तक उसका भाई घर नहीं आया तो उसने अपने भाई को फोन किया तो वह बंद जा रहा था।
उसके बाद उसने मनोज को फोन मिलाया तो उसका भी फोन बंद जा रहा था। वह उसके घर गया और भाई के बारे में पूछा तो उसने कहा कि वह उसके घर से जा चुका है। इसके बाद घर आकर सभी रिश्तेदारों व उसके मिलने वालों के यहां पता किया। जब उसके भाई का कहीं पता नहीं चला तो उसने 27 मई को पुलिस को भाई के गुमशुदगी की सूचना दी। 29 मई को उसे जानकारी मिली कि मनोज कुशवाहा व उसकी पत्नी भागवती, मंगल सिंह, उसकी मां व दीपक ने उसके भाई की मिलकर बेरहमी से हत्या कर शव को घर के अंदर बने शौचालय टैंक में छिपा दिया है। मामले में पुलिस ने शौचालय टैंक खुलवाकर शव को बरामद किया था। पुलिस ने पति-पत्नी के खिलाफ हत्या व साक्ष्य छिपाने का मामला दर्जकर आरोप पत्र कोर्ट में पेश किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने आरोपी की पत्नी भागवती को साक्ष्यों के अभाव में दोषमुक्त कर दिया है, जबकि दोषी पति मनोज कुशवाहा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
उधारी का रुपया मांगने पर की थी हत्या
वादी मुकदमा ने पुलिस को बताया था कि उसके भाई से दोषी ने 80 हजार रुपये उधार ले रखे थे। जिसे उसका भाई मांग रहा था। पैसे न देने पड़े, इसलिए इन लोगों ने उसके भाई की हत्या कर दी।
(Udaipur Kiran) / पंकज मिश्रा