अशोकनगर, 09 जनवरी (Udaipur Kiran) । कन्या भोज के नाम पर नाबालिग को ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म के मामले में विशेष अदालत ने 45 वर्षीय आरोपी शंकर को आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई है।
एडीपीआ एवं मीडिया सेल प्रभारी आजम मोहम्मद ने गुरुवार को बताया कि फरियादिया द्वारा मौखिक रिपोर्ट की थी कि दिनांक 05 मार्च 24 को दोपहर मैं ब्रजभान यादव के खेत में राई काट रही थी। मेरे साथ मेरी बहनोतिया पीडि़ता थी। तभी उस खेत पर शंकर आदिवासी निवासी मनपुरा का आया और मुझसे बोला कि मैं घर पर कन्या भोज करा रहा हूं इसलिये थोड़ी देर के लिये तुम्हारी बहनोतिया पीडि़ता को अपने साथ लेकर जा रहा हूं। इसलिये हमने बहनोतिया को उसके साथ भेज दिया।
दोपहर 02 बजे तक जब मेरी बहनोतिया वापिस नहीं आयी तो मैं उसे ढूंढने निकल गयी। थोडी दूर जाकर मुझे अनिल यादव के खेत पर शंकर आदिवासी की पत्नी सुनीता, राई काटती दिखी, तो मैनें सुनीता से पूछा कि तेरे घर में कन्या जिवाने के लिये तेरा पति शंकर आदिवासी मेरी बहनोतिया को लेकर आया था तो सुनीता ने मुझे बताया कि मेरे घर में कोई कन्या भोज नहीं है। फिर मैं लौटकर ब्रजभान यादव के खेत पर वापस गयी जहां मुझे बहनोतिया पीडिता रोती हुई दिखी जिससे मैनें पूछा कि तू क्यों रो रही है तेरे साथ क्या हुआ तब पीडिता ने बताया कि शंकर आदिवासी ने मेरे साथ गलत काम किया। घटना के संबंध में थाना देहात में अपराध पंजीबद्ध किया गया। पुलिस द्वारा आवश्यक विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया। विचारण उपरांत न्यायालय द्वारा उक्त प्रकरण में आरोपी को दोषी पाते हुये आजीवन कारावास व तीन हजार रूपए अर्थदण्ड से दंडित किया गया।
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(Udaipur Kiran) / देवेन्द्र ताम्रकार