West Bengal

जमीन के लिए माता-पिता की हत्या करने वाले बेटी-दामाद को उम्रकैद

कोलकाता, 03 मार्च (Udaipur Kiran) । उत्तर 24 परगना जिले के हाबरा में पैसों और जमीन के लालच में अपने ही माता-पिता की हत्या करने वाले बेटी, दामाद और शूटर को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। सरकारी अधिवक्ता विभाष चटर्जी ने सोमवार रात (Udaipur Kiran) को बताया कि जिला अदालत ने दोषियों को आजीवन कारावास की सजा देते हुए कहा कि इस जघन्य अपराध में किसी प्रकार की नरमी नहीं बरती जा सकती।

यह सनसनीखेज हत्याकांड 16 सितंबर 2020 की रात करीब 2:30 बजे का है। रामकृष्ण मंडल और उनकी पत्नी लीला रानी मंडल अपने घर में सो रहे थे, तभी गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई थी। बाद में जांच में खुलासा हुआ कि इस दोहरे हत्याकांड के पीछे उनकी अपनी बेटी निबेदिता मंडल (अब निबेदिता साधु), दामाद बंटी साधु और सुपारी किलर अजय दास का हाथ था।

जांच के दौरान पता चला कि निबेदिता और बंटी साधु पर सात लाख रुपये से ज्यादा का कर्ज था। वे लगातार रामकृष्ण मंडल दंपती पर दबाव बना रहे थे कि वे अपनी जमीन बेचकर उन्हें पैसे दें, लेकिन जब बुजुर्ग माता-पिता ने इनकार कर दिया तो उन्होंने हत्या की साजिश रच डाली।

विभाष ने बताया कि इस मामले में पुलिस के हाथ बेहद मजबूत डिजिटल साक्ष्य लगे। हत्या से पहले आरोपितों के बीच बातचीत की रिकॉर्डिंग सुपारी किलर अजय दास ने अपने मोबाइल में कर ली थी, ताकि बाद में कोई इससे मुकर न सके। फोरेंसिक जांच में सभी की आवाज की पुष्टि हुई।

मौके से मिले सिगरेट के टुकड़ों की डीएनए जांच में बंटी साधु और अजय दास की पहचान हुई। वहीं, हत्या में इस्तेमाल हथियार की बैलिस्टिक रिपोर्ट से भी पुष्टि हुई कि उसी हथियार से रामकृष्ण मंडल और लीला रानी मंडल की हत्या की गई थी।

इतना ही नहीं, हत्या से पहले पीड़ितों के पानी में ‘जलपोड़ा’ नामक टोटके जैसी चीज मिलाने के भी प्रमाण मिले।

मामले में यह भी सामने आया कि हत्या से कुछ दिन पहले आरोपित दंपती ने अपने माता-पिता को धमकी दी थी कि अगर जमीन नहीं सौंपी तो अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहें।

मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने दोषियों के लिए मृत्युदंड की मांग की थी, लेकिन अदालत ने सबूतों का अध्ययन करने के बाद तीनों को उम्रकैद की सजा सुनाई।

सरकारी अधिवक्ता विभाष चटर्जी ने बताया कि अदालत के इस फैसले से न्याय की जीत हुई है और यह समाज के लिए एक बड़ा संदेश भी है।

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(Udaipur Kiran) / ओम पराशर

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