
हमीरपुर, 27 मार्च (Udaipur Kiran) । आठ साल पूर्व मूक बधिर दलित किशोरी को ले जाने व जबरन दुष्कर्म के साथ जातिसूचक शब्दों से अपमानित करने के मामले में विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट कीर्ति माला सिंह की अदालत ने दाेषी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही 13 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है।
विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो रुद्र प्रताप सिंह ने बताया कि कुरारा थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी ने 1 मई 2016 को थाने में तहरीर देकर बताया था कि 28 अप्रैल को वह पत्नी के साथ उसकी बहन के यहां शादी में शामिल होने हांसा गांव गया था। घर में उसकी बड़ी पुत्री जो मूक बधिर है और छोटी पुत्री सोलह वर्षीय थी। गांव का राममुनि पुत्र कामता कुशवाहा जो दिल्ली में रहता है। जब वह गांव आता है तो उसके घर आता-जाता रहता है। पहचान के चलते अक्सर फोन पर भी बात करता है। उसने पुत्री को फोन करके दोपहर में गांव के बाहर बुलाया और अपने साथ ले गया। दोनों को चचेरे भाई की पुत्री ने देखा और वापस लौटने पर उन्हें बताया। पीड़िता दो माह बाद दिल्ली से बरामद हुई। इस बीच आरोपित किशोरी के साथ लगातार दुष्कर्म करने के साथ उसका मानसिक उत्पीड़न करता रहा। मामले में पुलिस ने आरोपित के खिलाफ 3 (2) 5 एससी/एसटी एक्ट, दुष्कर्म सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। मामले की सुनवाई करते हुए विशेष न्यायाधीश पॉक्सो कीर्ति माला सिंह की अदालत ने आरोपी राम मुनि कुशवाहा को दोषी मानते हुए उम्र कैद की सजा सुनाने के साथ 13 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है।
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(Udaipur Kiran) / पंकज मिश्रा
