नई दिल्ली, 17 दिसंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सोमवार को ओखला लैंडफिल साइट का दौरा किया और स्थिति का जायजा लेने के बाद ठोस कचरे के निपटान में सुस्ती पर निराशा व्यक्त की।
पिछले कुछ महीनों में शहर में सड़कों पर खुले में पड़े कूड़े की मौजूदा समस्या और उसके निपटान की कमी के संबंध में आरडब्ल्यूए, एमटीए, नागरिक समूहों और जन प्रतिनिधियों ने उपराज्यपाल सचिवालय को कई ज्ञापन भेजे थे।
इसके बाद उपराज्यपाल ने पिछले हफ्ते अधिकारियों की एक बैठक बुलाई और फिर कल साइट का दौरा किया। उपराज्यपाल ने ओखला और शहर के अन्य लैंडफिल स्थलों पर नगरपालिका ठोस अपशिष्ट (एमएसडब्ल्यू) के जैव उपचार की स्थिर और कई मामलों में गिरती दर पर गहरी निराशा व्यक्त की। दौरे के समय यह बात सामने आई कि औसत निपटान जो पहले लगभग 22,000 मीट्रिक टन प्रति दिन हो गया था अब घटकर लगभग 20,000 मीट्रिक टन प्रति दिन हो गया है।
उपराज्यपाल को बताया गया कि बायोरेमेडिएशन का काम अभी बंद है और 28 नवंबर तक ओखला में लगभग 4000-5000 मीट्रिक टन प्रतिदिन की दर से काम किया जा रहा था। उन्हें यह भी बताया गया कि बायोरेमेडिएशन की सबसे धीमी गति गाजीपुर साइट पर थी।
सक्सेना ने कचरे के ढेरों से साफ की गई जमीन को ठीक से और वैज्ञानिक तरीके से समतल करने के लिए भी कहा, ताकि इसे अन्य उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जा सके।
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(Udaipur Kiran) / कुमार अश्वनी