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उपराज्यपाल ने उधमपुर से ‘भौतिकी भारत यात्रा’ को दिखाई हरी झंडी

उपराज्यपाल ने उधमपुर से ‘भौतिकी भारत यात्रा’ को दिखाई हरी झंडी

उधमपुर, 26 मई (Udaipur Kiran) । उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आज उधमपुर से ‘भौतिकी भारत यात्रा’ को हरी झंडी दिखाई। उन्होंने कहा कि भारत के हर जिले को कवर करने वाली भौतिकी भारत यात्रा विज्ञान सीखने के आनंद को पुनर्जीवित करने के साझा मिशन के तहत विविध क्षेत्रों को एकजुट करेगी।

अपने संबोधन में उपराज्यपाल ने भारतीय भौतिकी शिक्षक संघ (आईएपीटी) और भारतीय राष्ट्रीय अन्वेषिका नेटवर्क (एनएएनआई) द्वारा प्रख्यात भौतिक विज्ञानी पद्मश्री डॉ. एचसी वर्मा के नेतृत्व में प्रायोगिक विज्ञान सीखने को बढ़ावा देने और छात्रों में जिज्ञासा, रचनात्मकता और वैज्ञानिक सोच को जगाने के लिए की जा रही उत्कृष्ट पहल की सराहना की। उन्होंने स्कूलों, शिक्षकों और शिक्षार्थियों के नेटवर्क को इमर्सिव इंटरैक्शन के माध्यम से जोड़ने के उद्देश्य से दूरदर्शी और परिवर्तनकारी यात्रा से जुड़े सभी लोगों को बधाई और शुभकामनाएं दीं।

उपराज्यपाल ने कहा कि जब विज्ञान समाज के ताने-बाने में गहराई से समाहित हो जाता है तो यह न केवल नवाचार को बढ़ावा देता है बल्कि पूरे समाज के जीवन स्तर में सुधार करके राष्ट्र की दिशा को भी महत्वपूर्ण रूप से आकार दे सकता है। उपराज्यपाल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पिछले एक दशक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आत्मनिर्भरता के प्रति भारत की सोच बदल गई है। उपराज्यपाल ने कहा कि हमारे वैज्ञानिक जानते हैं कि भारत अपनी रक्षा के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं रह सकता। हमने अपनी स्वदेशी क्षमताएं विकसित की हैं और हमारा सफल हमला पुनरुत्थानशील भारत का प्रतीक है।

उपराज्यपाल ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का श्रेय भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं, रक्षा क्षेत्र में नवाचारों और तकनीकी प्रगति को दिया। उपराज्यपाल ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की वैज्ञानिक शक्ति को दिखाया है। इसने यह प्रदर्शित किया है कि हमारे वैज्ञानिक, रक्षाकर्मी और जवान दुनिया में किसी से कम नहीं हैं। यह जीत उनके समर्पण को श्रद्धांजलि है। यह आत्मनिर्भरता के प्रति हमारी दृढ़ प्रतिबद्धता का भी प्रमाण है। भारत की सैन्य शक्ति हमारे वैज्ञानिकों के राष्ट्रीय सुरक्षा को व्यापक रूप से मजबूत करने और हमारी अर्थव्यवस्था को विकास पथ पर ले जाने के दृढ़ संकल्प का प्रमाण है।

उन्होंने कहा कि हमारे वैज्ञानिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी के नए क्षेत्रों में ऐतिहासिक प्रगति करने के लिए अडिग और दृढ़ हैं। उपराज्यपाल ने अपने संबोधन में विज्ञान शिक्षकों की क्षमता निर्माण और नई वैज्ञानिक प्रगति को कक्षा और प्रयोगशाला में लाने पर जोर दिया। उन्होंने शिक्षण समुदाय और शैक्षणिक संस्थानों से युवा शोधकर्ताओं को प्रयोगों के लिए एक बड़ा कैनवास और बड़े लक्ष्य प्रदान करने का आग्रह किया। उपराज्यपाल ने दुनिया भर में बहुमूल्य योगदान देने वाले भारतीय वैज्ञानिकों और इंजीनियरों से घर लौटने पर विचार करने का भी आह्वान किया। इस अवसर पर उपराज्यपाल ने छात्रों द्वारा संचालित मॉडल और प्रयोगों को प्रदर्शित करने वाली भौतिकी प्रदर्शनी का भी निरीक्षण किया।—————

(Udaipur Kiran) / बलवान सिंह

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