नई दिल्ली, 11 नवंबर (Udaipur Kiran) । उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने राजधानी में संक्रामक रोगों के मरीजों को बढ़ती संख्या पर चिंता व्यक्त की है और कहा है कि मौजूदा दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था इनसे निपटने में कारगर नहीं है।
उपराज्यपाल ने सोशल मीडिया एक्स पर आज कहा कि राजधानी दिल्ली में इंफेक्शन और परजीवी संक्रमण से होने वाली बीमारियों के कारण यहां औसतन सर्वाधिक मौतें हो रही हैं। इसके लिए उन्होंने दिल्ली के मौजूदा हेल्थ मॉडल को दोषपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार यहां के बाशिंदों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए राज्य सरकार कोई कार्य नहीं कर रही है। उन्होंने दिल्ली के हेल्थ मॉडल का निराकरण करने की जरूरत बताई।
उपराज्यपाल ने कहा कि पिछले साल दिल्ली में संक्रमण से 21 हजार लोगों की मौत हुई थी। ये संक्रामक बीमारियां दूषित पानी, मच्छरों और गंदगी के कारण होती हैं, जिनसे लोगों की जान काे भी खतरा रहता है। आंकड़ों का हवाला देते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि दिल्ली में कैंसर से मरने वालों की संख्या में पिछले साल से बढ़ोतरी हो रही है।
उन्होंने बताया कि मरने वालों में 6 प्रतिशत लोग 14-24 आयु वर्ग के, 19 प्रतिशत लोग 25-44 आयु वर्ग के तथा 32 प्रतिशत लोग 45-64 आयु वर्ग के यानि 57 प्रतिशत मरने वाले वर्किंग एज ग्रुप के थे। उन्होंने कहा कि इनमें अस्पतालों के बाहर होने वाली मौतों का विवरण शामिल नहीं है।
उपराज्यपाल ने बताया कि यह बेहद गंभीर और चिंताजनक स्थिति है। दिल्ली के हेल्थ मॉडल के अलावा यह दिल्ली में पूर्ण रूप से जलापूर्ति, सीवर और सेनिटेशन व्यवस्था के ध्वस्त हो जाने को दर्शाता है। इसलिए दिल्ली सरकार को सिर्फ प्रचार करने की बजाय इसका संज्ञान लेते हुए इन संक्रामक बीमारियों से निपटने का प्रयास करना चाहिए।
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(Udaipur Kiran) / माधवी त्रिपाठी