Jammu & Kashmir

उपराज्यपाल ने जम्मू विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया

उपराज्यपाल ने जम्मू विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया
उपराज्यपाल ने जम्मू विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया
उपराज्यपाल ने जम्मू विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया

जम्मू, 22 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू विश्वविद्यालय में ’एंडोक्रिनोलॉजी, मेटाबॉलिज्म और प्रजनन पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनः नई सीमाओं की खोज’ का उद्घाटन किया। अपने संबोधन में उपराज्यपाल ने एंडोक्रिनोलॉजी और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अत्याधुनिक प्रगति का पता लगाने के लिए जूलॉजी विभाग, जम्मू विश्वविद्यालय और इंडियन सोसाइटी फॉर कम्पेरेटिव एंडोक्रिनोलॉजी के प्रयास की सराहना की।

उपराज्यपाल ने समाज की भलाई में वैज्ञानिकों और शिक्षाविदों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया और बताया कि कैसे उनकी उत्कृष्टता की खोज एक स्वस्थ समाज सुनिश्चित करेगी और राष्ट्र निर्माण के बड़े दृष्टिकोण को बढ़ावा देगी। उन्होंने कहा हमारा अनुसंधान और नए ज्ञान का सृजन मानवता के लाभ हेतु समर्पित होना चाहिए।“ उपराज्यपाल ने कहा तनाव वास्तविक है और सभी वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को पुरानी जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों की रोकथाम और प्रबंधन के लिए अग्रणी खोजों के लिए अनुसंधान, नवाचार की क्षमता का उपयोग करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।“

स्वास्थ्य सेवा में वैश्विक नेता के रूप में भारत के उद्भव पर बोलते हुए उपराज्यपाल ने कहा प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने स्वास्थ्य देखभाल अनुसंधान और विकास में जबरदस्त सुधार देखा है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से भारत ने कोविड महामारी को संभाला और “वैक्सीन मैत्री“ के माध्यम से दुनिया की मदद की वह अनुकरणीय है। आज विभिन्न क्षेत्रों में भारत की बेहतर अनुसंधान क्षमताओं को दुनिया भर में स्वीकार किया जाता है। उद्घाटन सत्र में उपराज्यपाल ने जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न क्षेत्रों में शुरू किए गए सामाजिक-आर्थिक सुधारों को साझा किया।

पिछले 5 वर्षों में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने शांति, रोजगार सृजन, उद्यमशीलता, सतत विकास और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता के साथ जम्मू-कश्मीर की नियति को बदल दिया है। उपराज्यपाल ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में शिक्षा क्षेत्र में बदलाव का नेतृत्व करने के लिए जम्मू विश्वविद्यालय की भी सराहना की। इस अवसर पर उपराज्यपाल ने जम्मू कश्मीर के रक्षक, ब्रिगेडियर राजिंदर सिंह, एमवीसी (मरणोपरांत) की प्रतिमा का अनावरण किया। उन्होंने सम्मेलन की सारगर्भित पुस्तक का विमोचन भी किया।

4 दिवसीय सम्मेलन में भारत और विदेश से लगभग 150 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं जिनमें भारत के प्रमुख विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों के संकाय, शोधकर्ता और छात्र शामिल हैं जो मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, जम्मू कश्मीर के उत्तरी राज्यों, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, बंगाल, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और भारत के अन्य राज्यों का जबकि 06 अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि कनाडा, पुर्तगाल, जापान, बेल्जियम, संयुक्त राज्य अमेरिका और जर्मनी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। इस अवसर पर उपकुलपति जम्मू विश्वविद्यालय प्रोफेसर उमेश राय, अध्यक्ष इंडियन सोसाइटी फॉर कम्पेरेटिव एंडोक्रिनोलॉजी प्रोफेसर बचन लाल, सस्कचेवान विश्वविद्यालय कनाडा प्रोफेसर सूरज उन्नीअप्पन, विभागाध्यक्ष जूलॉजी (सम्मेलन की संयोजक) प्रोफेसर सीमा लंगर, पूर्व उपकुलपति, वैज्ञानिक, शोधकर्ता, विभागाध्यक्ष, संकाय सदस्य और छात्र उपस्थित थे।

(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा

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