नैनीताल, 03 सितंबर (Udaipur Kiran) । नैनीताल निवासी युवा अधिवक्ता नितिन कार्की ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर वक्फ बोर्ड अधिनियम कानून में सुधार की मांग की है। पत्र में कार्की ने वक्फ बोर्ड और वक्फ अधिनियम 1995 के तहत वक्फ बोर्ड की संरचना को संविधान में निहित धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत के विपरीत बताते हुए कहा है कि इससे अन्य धार्मिक समुदायों के विरुद्ध भेदभाव होता है। साथ ही उन्होंने वक्फ बोर्ड को असाधारण शक्तियों से युक्त बताते हुए इसे विवाद व सामाजिक कलह का कारण बताया है और शंकराचार्य के अधीन सनातन बोर्ड की स्थापना की भी सिफारिश की है।
नितिन कार्की ने पत्र में वक्फ बोर्ड के संचालन पर गंभीर सवाल उठाए। इसमें भेदभावपूर्ण व्यवहार, भूमि अधिग्रहण और प्रबंधन में अनियमितताएं, पारदर्शिता और जवाबदेही का अभाव व सामाजिक सद्भाव को प्रभावित करने वाले मुद्दे शामिल है। यह भी कहा है कि वक्फ अधिनियम ‘एक राष्ट्र, एक कानून’ के सिद्धांत के अनुरूप होना चाहिए जिससे सभी नागरिकों के लिए समानता और न्याय सुनिश्चित हो सके। उन्होंने वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार, तटस्थ निरीक्षण, पारदर्शिता के लिए नियमित ऑडिट और सार्वजनिक प्रकटीकरण व कानूनी सुधारों की भी मांग की है। उन्होंने विश्वास जताया है कि संयुक्त संसदीय समिति इस मामले पर गंभीरता से विचार करेगी और देश की एकता-अखंडता को सुरक्षित रखने के लिए उचित कदम उठाएगी।
(Udaipur Kiran) / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी