देहरादून, 12 अक्टूबर, (Udaipur Kiran) । कोविड-19 काल में पैरोल और अन्तरिम जमानत पर 81 सिद्धदोष और 512 विचाराधीन बंदियों की ओर से आत्मसमर्पण न करने पर कारागार अधीक्षकों और पुलिस अधीक्षकों को कार्यवाही के लिए को निर्देशित किया गया है।
कोविड संकमण से बचाव के लिए उच्चतम न्यायालय के रिट पिटीशन के अनुपालन में उच्च न्यायलय स्तर पर गठित उच्चधिकार प्राप्त समिति की संस्तुति के अनुरूप सिद्वदोष बंदियों को महानिरीक्षक कारागार की ओर से पैरोल पर कारागारों से रिहा किया गया। उनके संदर्भ में अब एक निर्देश जारी किया गया है। उच्चतम न्यायालय की ओर से स्वत: संज्ञान लेते हुए 16 जुलाई 2021 को आदेश निर्गत किये गये कि अन्तरिम जमानत पर रिहा किये गये बंदियों को उच्चतम न्यायालय के अग्रिम आदेशों तक कारागार में आत्मसमर्पण के लिए न कहा जाय। प्रश्नगत रिट याचिका में उच्चतम न्यायालय के आदेश 24 मार्च 2023 द्वारा उक्त अन्तरिम जमानत / पैरोल पर छोड़े गये बंदियों को संबंधित कारागारों में आत्मसमर्पण करने के आदेश पारित किये गये हैं।
उक्त के अनुपालन में उप महानिरीक्षक कारागार के पत्र 24 अप्रैल 2023 की ओर से अन्तरिम जमानत /पैरोल पर छोड़े गये बंदियों को संबंधित कारागारों में आत्मसमर्पण/दाखिल करने के निर्देश प्रसारित किये गये थे। उक्तानुसार 220 सिद्धदोष बंदियों और 590 विचाराधीन बंदियों की ओर से संबंधित कारागारों में आत्मसमर्पण किया गया है। पैरोल/अन्तरिम जमानत पर 81 सिद्धदोष और 512 विचाराधीन बंदियों की ओर से आत्मसमर्पण न करने पर महानिरीक्षक कारागार की ओर से आठ अक्टूबर के पत्र को ध्यान में रखते हुए उक्त बंदियों के कारागारों में समर्पण करने के लिए कारागार अधीक्षकों और पुलिस अधीक्षकों को कार्यवाही के लिए निर्देशित किया गया है।
(Udaipur Kiran) / राम प्रताप मिश्र