उदयपुर, 1 नवंबर (Udaipur Kiran) । गोगुंदा से करीब 72 किमी दूर मावली तहसील इलाके में शुक्रवार सुबह एक लेपर्ड पिंजरे में कैद मिला। यह वही जगह है, जहां बुधवार सुबह लेपर्ड ने एक बछड़े का शिकार किया था। इसके बाद यहां वन विभाग की ओर से पिंजरा लगाया था। उदयपुर में अब तक सात तेंदुओं को पिंजरे में पकड़ा जा चुका है। मावली तहसील के लदाना गांव में आज सुबह जब ग्रामीणों ने लेपर्ड को पिंजरे में कैद देखा तो उन्होंने उसका वीडियो बनाया। इस दौरान लेपर्ड ने गुर्राते हुए आंख दिखाई।
क्षेत्रीय वन अधिकारी भैरूलाल परमार ने बताया कि मावली तहसील में फतहनगर के पास बासनीकला ग्राम पंचायत के लदाना गांव में बछड़े का शिकार होने की जानकारी ग्रामीणों से मिली थी। इसके बाद बुधवार रात पिंजरा लगा दिया गया था। सुबह देखा तो पिंजरे में लेपर्ड फंस गया था। यह मादा लेपर्ड है, जिसकी उम्र दो साल है। इसे सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क ले जाया गया है। लदाना गांव के दलपत सिंह झाला ने बताया कि लेपर्ड को देखने पिंजरे के पास गए तो वह गुर्राने लगा। लेपर्ड का वीडियो भी बनाया। लेपर्ड अपनी आंखें बड़ी-बड़ी करते हुए गुर्रा रहा था। वन विभाग की टीम को पिंजरे में लेपर्ड के फंसने की सूचना दी, जिसके बाद वे मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि पिछले कई दिनों से ग्रामीण लेपर्ड को देख रहे थे। उसके मूवमेंट से ग्रामीण भयभीत थे। लेपर्ड यहां मवेशियों का शिकार कर रहा था।
इधर, मावली से करीब 55 किमी दूर कुराबड़ ब्लॉक के सोमाखेड़ा ग्राम पंचायत के केड़िया गांव में शुक्रवार सुबह करीब 9:30 बजे लेपर्ड बछड़े को उठाकर ले गया। ग्रामीण मुकेश पटेल ने बताया कि हीरा पुत्र मोड़ा के बाड़े में लेपर्ड आया। इसके बाद बछड़े को लेकर भाग गया। ग्रामीणों ने यहां पिंजरा लगाने की मांग की। उन्होंने बताया कि लेपर्ड दिन से यहां आ रहा है।
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(Udaipur Kiran) / रोहित