-सरकार के जवाब से असंतुष्ट सपा ने बिजली के निजीकरण मुद्दे पर सदन से किया बहिर्गमन
लखनऊ, 17 दिसंबर (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश विधान सभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को सदन में बिजली के निजीकरण का मुद्दा उठा। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ सदस्य ओम प्रकाश सिंह ने इस मुद्दे को उठाया। सरकार की तरफ से ऊर्जा मंत्री एके. शर्मा ने उत्तर दिया। सरकार के जवाब से असंतुष्ट होकर सपा के सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गए।
सत्ता पक्ष की ओर से मंत्री ए.के. शर्मा ने विपक्ष के प्रश्नों का उत्तर दिया। उन्होंने कहा कि हम मानते हैं कि बिजली जन-जन से जुड़ी है। विपक्ष को घेरते हुए कहा कि 2017 से पहले की सरकार में बिजली आना समाचार था। अब बिजली जाना समाचार है। यह बहुत बड़ा बदलाव है। क्वालिटी बिजली देना हमारी सरकार की प्राथमिकता में है। हम बिजली दे भी रहे हैं। शर्मा ने सदन को अवगता कराया कि योगी सरकार-1 और 2 में एक लाख 21 हजार मजरों का विद्युतीकरण किया गया। 30 हजार नये मजरों में विद्युतीकरण किया जाएगा। 2017 में एक करोड़ 80 लाख बिजली कनेक्शन थे। अभी तीन करोड़ 56 लाख कनेक्शन हैं। 2017 से पूर्व में 12 हजार मेगावाट की पीक डिमांड थी। इस समय 30618 मेगावाट की बिजली सपलाई पीक आवर में की गयी। सपा के बिजली घर नहीं बनाए जाने के आरोपों पर एके. शर्मा ने कहा कि पहले 765 केवीए के चार पावर हाउस थे और 2024 में इनकी संख्या बढ़कर सात हो गयी है। 400 केवीए का 19 बिजली घर था। अभी उत्तर प्रदेश में 400 केवीए के 40 बिजली घर हो गए हैं। 220 केवीए के 98 थे। इस समय 169 हो गए हैं।
एके. शर्मा ने कहा कि योगी सरकार-2 के ढाई साल हो गए हैं। इसमें हमने 50 लाख कनेक्शन दिए हैं। 8.72 लाख नलकूपों को कनेक्शन दिए गए हैं। 8 लाख ट्रांसफार्मर भी हमने लगाए हैं। मंत्री ने कहा कि मजहब के नाम पर बिजली चोरी हो रही है। पीपीपी मॉडल आज का नहीं है यह पुराना है। 1993 से पीपीपी मॉडल को लेकर सरकारें चल रही हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम सभी कर्मचारियों के हितों का ध्यान में रखेंगे। हमारी मंशा कर्मचारियों के प्रति खराब नहीं है।
विधान सभा में पारित हुए सात संशोधन विधेयक
उत्तर प्रदेश विधान सभा में मंगलवार को सात संशोधन विधेयक पारित हुए। इसमें खास कर निजी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयकों को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच काफी देर तक चर्चा चली। विपक्ष ने कहा कि सरकार को निजी क्षेत्र के विश्वविद्यालयों को बढ़ावा देने से बचना चाहिए। शिक्षा के मंदिर को व्यापार न बनाया जाए। इस पर उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने कहा कि निजी क्षेत्र शिक्षण संस्थानों की शिक्षा के क्षेत्र में महती भूमिका रही है। विश्वविद्यालय खोलने के लिए इस्कान संस्था जैसे लोग प्रस्ताव दिए हैं। वे व्यापार करने नहीं आ रहे हैं। वे सेवा कर रहे हैं। हालांकि सरकार ने अपने सभी सात संशोधन विधेयकों को पास करा लिया। इसके साथ ही सदन की कार्यवाही बुधवार की सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित हो गयी।
-उत्तर प्रदेश माल और सेवा कर संशोधन विधेयक 2024
-उत्तर प्रदेश जिला योजना समिति संशोधन विधेयक 2024
-उत्तर प्रदेश श्रम कल्याण निधि संशोधन विधेयक 2024
उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय पांचवा संशोधन विधेयक 2024
उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय छठवां संशोधन विधेयक 2024
उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय सातवां संशोधन विधेयक 2024
उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय आठवां संशोधन विधेयक 2024
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(Udaipur Kiran) / दिलीप शुक्ला