-शहीद परिवार कल्याण फाउंडेशन ने भिजवाया है यह कानूनी नोटिस
-रेजांगला युद्ध के आठ वीर चक्र प्राप्त कर्ताओं के परिवारों से आवश्यक अधिकार नहीं लेने को लेकर नाराजगी
गुरुग्राम, 7 दिसंबर (Udaipur Kiran) । 120 बहादुर के अधिकारों को लेकर शहीद परिवार कल्याण फाउंडेशन की ओर से कानूनी नोटिस भिजवाना गया है। इस फिल्म के निर्देशक रजनीश घई रजी और निर्माता फरहान अख्तर और अन्यों को कानूनी नोटिस भेजा गया है।
शहीद परिवार कल्याण फाउंडेशन के संयोजक डॉ. टी.सी. राव ने नोटिस को लेकर कहा है कि 120 बहादुर फिल्म के लिए रेजांगला युद्ध के आठ वीर चक्र प्राप्त कर्ताओं के परिवारों से आवश्यक अधिकार फिल्म निर्माता, निर्देशक ने नहीं लिए।
डॉ. टी.सी. राव ने कहा कि फिल्म 120 बहादुर के लिए मेजर शैतान सिंह के परिवार से अधिकार प्राप्त कर लिए गए, लेकिन अन्य आठ वीर चक्र प्राप्तकर्ताओं के परिवारों से कोई समझौता नहीं किया गया। यह लापरवाही न केवल इन बहादुर सैनिकों की विरासत का अपमान करती है, बल्कि उचित प्रतिनिधित्व और सम्मान की अवधारणा को भी कमजोर करती है। डॉ. राव ने कहा कि उन्होंने करीब तीन महीने पहले निर्माता, निर्देशक और भारतीय सेना के प्रमुख को एक औपचारिक पत्र भेजकर इस मुद्दे पर स्पष्टता मांगी थी। इसे सुधारने का आग्रह किया था। दुर्भाग्यवश अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। यह फिल्म 2025 में रिलीज होगी। भारतीय सैन्य इतिहास के एक महत्वपूर्ण क्षण को उजागर करने वाली है, लेकिन यह अन्य बहादुर सैनिकों की योगदान को नजरअंदाज करने का जोखिम उठाते हुए ऐसा कर रही है। जिनका समान सम्मान मिलना चाहिए।
डॉ. टी.सी.राव के मुताबिक उन्होंने रेजांगला युद्ध पर 24 वर्षों से अधिक समय तक शोध किया है। रेजांगला युद्ध के नायब सूबेदार सूरजा राम, नायक सिंह राम और गुलाब सिंह की वीरता को उचित मान्यता नहीं दी गई है। उनके व्यापक शोध का परिणाम उनकी पुस्तक रेजांगला में अहीरों का बलिदान सत्य, न्याय और सम्मान के लिए संघर्ष में आया। जिसमें उन्होंने भारत सरकार से इन शहीदों के समर्पण के लिए एक आयोग स्थापित करने की अपील की। इन शहीदों के पदक और अन्य पुरस्कारों की फिर से समीक्षा का आग्रह किया, जिसमें 9 परमवीर चक्र, 19 महावीर चक्रऔर 44 वीर चक्र भी शामिल हैं।
डॉ. राव रेजांगला युद्ध की वीरता को शारागढ़ी युद्ध से जोड़ते हुए बताते हैं, जिसमें सभी 21 सिख सैनिकों को परमवीर चक्र के समान वीरता पुरस्कार प्राप्त हुए थे। उनका मानना है कि रेजांगला युद्ध में भी उतनी ही वीरता दिखाई गई थी और उन सैनिकों को भी समान सम्मान मिलना चाहिए।
(Udaipur Kiran) हरियाणा