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कानूनी साक्षरता व्‍यक्ति को सही और कर्तव्यपरायण बनने में बनाती है सक्षम: डॉ झा

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. बीरबल झा

-डॉ झा ने प्रत्येक व्यक्ति के लिए कानूनी साक्षरता की आवश्यकता पर दिया बल

नई दिल्ली, 09 नवंबर (Udaipur Kiran) । “कानूनी साक्षरता व्‍यक्ति को सही और कर्तव्यनिष्ठ बनने में सक्षम बनाती है, जिससे उन्हें सामाजिक गतिविधियों और लोकतांत्रिक संस्थाओं में ज्‍यादा आत्मविश्वास और भागीदारी के साथ एक सभ्य, गरिमापूर्ण और सार्वजनिक जीवन जीने की संभावना के अवसर मिलते हैं।”

लेखक डॉ. बीरबल झा ने शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्‍ली के लक्ष्मी नगर में स्थित अंग्रेजी संचार कौशल के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त संस्थान ब्रिटिश लिंगुआ में ‘प्रत्येक व्यक्ति के लिए कानूनी साक्षरता की आवश्यकता’ पर आयोजित एक सेमिनार को संबोधित करते हुए यह बात कही। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय कानूनी सेवा दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था।

कानूनी साक्षरता के महत्वपूर्ण महत्व पर जोर देते हुए डॉ. झा ने कहा कि “प्रत्येक व्यक्ति के लिए कानूनी साक्षरता की आवश्यकता पर बहस या तर्क नहीं किया जा सकता है, लेकिन इसे एक मिशन के साथ बढ़ावा दिया जाना चाहिए और फैलाया जाना चाहिए।” इसे व्यक्तिगत सशक्तिकरण और लोकतांत्रिक मूल्यों की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण बताते हुए उन्‍होंने कहा कि “कानूनी साक्षरता शोषण और वंचना को रोकते हुए व्यक्तियों के अधिकारों और लाभों की रक्षा करती है। यह स्वस्थ लोकतंत्र सुनिश्चित करने और न्याय तक पहुँच प्रदान करने में भी मदद कर सकता है।”,

ब्रिटिश लिंगुआ के प्रबंध निदेशक डॉ. झा ने कहा, कानूनी साक्षरता एक ऐसी संस्कृति को बढ़ावा देती है जिसमें नागरिक कानून, नियम और विनियमन के निर्माण में सक्रिय रूप से शामिल हो सकते हैं। न्याय तक पहुँच सुनिश्चित करने और स्वस्थ लोकतंत्र को बनाए रखने के लिए यह अपरिहार्य है। डॉ. झा ने कई प्रमुख लक्ष्यों को रेखांकित किया, जिसमें व्यक्तियों को उनके कानूनी अधिकारों और जिम्मेदारियों को पहचानने, संभावित कानूनी संघर्षों की पहचान करने और कानूनी जानकारी और सहायता तक पहुँचने का तरीका जानने के लिए सशक्त बनाना शामिल है। उन्होंने जागरूकता बढ़ाने, क्षमता निर्माण, सामुदायिक शिक्षा को बढ़ावा देने और कानून के छात्रों को सामाजिक न्याय कार्य से परिचित कराने के महत्व पर जोर दिया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. बीरबल ने मजबूत सामुदायिक एकजुटता और जमीनी स्तर पर वकालत का भी आह्वान किया और लोगों से कानूनी रूप से सशक्त समाज की दिशा में सामूहिक रूप से काम करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि कानूनी साक्षरता न केवल व्यक्तिगत सशक्तिकरण का एक साधन है, बल्कि एक कार्यशील लोकतंत्र की आधारशिला है। डॉ. झा ने समुदायों, कानूनी संस्थाओं और शिक्षकों को कानूनी ज्ञान के प्रसार को प्राथमिकता देने और सभी के लिए न्याय तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए एक अभियान चलाया है।

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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर

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