Madhya Pradesh

विधि को सशक्त रूप से लागू कराने के लिए कानूनी ज्ञान जरूरीः प्रशासनिक न्यायाधिपति पाठक

पैरालीगल वॉलेन्टियर के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए न्यायाधिपति पाठक

– “बच्चों के अधिकार” विषय पर पैरालीगल वॉलेन्टियर के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण शुरू

ग्वालियर, 11 नवंबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की खण्डपीठ ग्वालियर के प्रशासनिक न्यायाधिपति आनंद पाठक ने कहा कि कानूनी ज्ञान ही किसी भी विधि को सशक्त रूप में लागू कराये जाने का मूल आधार है। इसलिए वर्तमान समय में कानूनी ज्ञान में सशक्त होना जरूरी है। पैरा लीगल वालेन्टियर समाज व न्याय व्यवस्था के बीच में सेतु की तरह कार्य करते हैं। इसलिये पैरा लीगल वालेन्टियर्स को भी कानूनी ज्ञान में सशक्त बनें।

न्यायाधिपति पाठक उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर के प्रशिक्षण केन्द्र में “बच्चों के अधिकार” विषय पर सोमवार से शुरू हुए दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में मौजूद पैरालीगल वॉलेन्टियर व मीडिएटर्स को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। यूनिसेफ एवं किशोर न्याय समिति, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के संयुक्त तत्वाधान में पैरालीगल वालेन्टियर्स के लिये 11 से दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है। जिसमें मीडियेटर्स भी भाग ले रहे हैं।

प्रशासनिक न्यायाधिपति आनंद पाठक ने कहा कि पैरा लीगल वालेन्यिर्स समाज से जुड़े होते हैं। साथ ही प्रत्येक सामाजिक व्यक्ति के लिये पैरालीगल वालेन्टियर्स प्रथम सहायक व्यक्ति होते हैं। जिनके माध्यम से लोगों को प्राथमिक मदद मिलती है। इस प्रकार पैरा लीगल वॉलेंटियर्स एक सामाजिक इंजीनियर होते हैं। उन्होंने कहा कि समाज के निःशक्तजन में बच्चे भी होते हैं, जिनके कानूनी अधिकारो के प्रति भी पैरा लीगल वालेन्यिर्स को ऊर्जात्मक रूप से अग्रसर होना चाहिए। इसके लिये जरूरी है कि हम बच्चों के लिये भावनात्क रूप से तैयार रहें और इसी भावना को सशक्त बनाये जाने के लिये ही इस ज्ञानवर्द्धक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में “बच्चों के अधिकार” विषय पर जानकारी देने के लिए रिसोर्स पर्सन के रूप में सदरक की फाउण्डर माला भण्डारी ने विस्तारपूर्वक जानकारी दी। साथ ही प्रतिभागियों की जिज्ञासाओं का संतुष्टिपूर्ण रूप से निदान किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में बाल अधिकारों से संबंधित विभिन्न विषयों पर न्यायिक अधिकारी व अन्य विशेषज्ञों द्वारा भी जानकारी दी जाएगी।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में न्यायमूर्ति अनिल वर्मा, न्यायमूर्ति सुनीता यादव, न्यायमूर्ति हृयेश, न्यायमूर्ति राजेन्द्र कुमार वाणी, प्रधान जिला न्यायाधीश पीसी गुप्ता, खण्डपीठ-ग्वालियर के जिला न्यायाधीश (सतर्कता) प्रदीप मित्तल, प्रिंसिपल रजिस्ट्रार अखिलेश कुमार मिश्र, ओएसडी नवीन कुमार शर्मा व हितेन्द्र द्विवेदी, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के आई.टी. रजिस्ट्रार शमरेश सिंह, उच्च न्यायालय किशोर न्याय समिति के सचिव अनिल कुमार मलिक एवं उच्च न्यायालय अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष पवन पाठक सहित अन्य अधिकारीगण व प्रशिक्षु सम्मिलित हुये।

(Udaipur Kiran) तोमर

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