रोहतक, 14 नवंबर (Udaipur Kiran) । महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के विधि विभाग द्वारा गुरुवार काे जुवेनाइल जस्टिस फ्रॉम थ्योरी टू प्रैक्टिस विषय पर व्याख्यान का आयोजन हुआ। इस अवसर पर मुख्य वक्ता पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के प्रतिष्ठित अधिवक्ता विनीत कुमार ने कहा कि भारत में किशोर न्याय का क्रियान्वयन बहुत प्रभावी नहीं है। जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के समक्ष बड़ी संख्या में मामले लंबित हैं। जरूरत है कि विधि के विद्यार्थी बेजुबान की आवाज बनें। उन्होंने कहा कि जुवेनाइल जस्टिस एक्ट कानून अच्छा बना हुआ है, परंतु इसमें समाहित केयर एण्ड प्रोटेक्शन पर विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि जुवेनाइल को सामाजिक मुख्यधारा में शामिल करना भी अहम है। विनीत जाखड़ ने भारत में जुवेनाइल जस्टिस पर शोध की अधिकता की वकालत की। उन्होंने विद्यार्थियों को मानवीय बनने का परामर्श दिया। इस अवसर पर एमडीयू के निदेशक जनसंपर्क सुनित मुखर्जी ने विद्यार्थियों से अधिक से अधिक पुस्तकें पढ़ ज्ञान विस्तारण करने तथा अपनी ड्राफ्टिंग स्किल्स पर विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने राष्ट्रीय बाल दिवस पर आयोजित इस व्याख्यान कार्यक्रम में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का स्मरण किया तथा नेहरू के विश्वविद्यालय संबंधित विचार साझा किया। इस अवसर पर डा. जितेन्द्र ढुल, डा. अंजलि वर्मा, डा. अनुसूया यादव, डा अश्विनी मोहन, डा. राहुल यादव, डा. ऋषभ यादव, डा. नीरज सांगवान, डा. सुमित, पंकज नैन प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
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(Udaipur Kiran) / अनिल