नई दिल्ली, 18 जनवरी (Udaipur Kiran) । आचार्य कृपलानी स्मृति व्याख्यान 2024 के अंतर्गत शनिवार को हिन्दी भवन में भारतीय राजनीति और संस्कृति विषय पर एक व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि समाजवादी चिंतक और मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री रामाशंकर सिंह थे।
रामाशंकर सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय संस्कृति जीवन का मार्ग है, जिसके बिना भारतीय जनमानस अपने आप को रिक्त पाता है। उन्होंने बताया कि भारतीय संस्कृति व्यक्ति को अतीत से जोड़े रखती है और श्रेष्ठतर संबंध बनाए रखने में सहायक है। संस्कृति की विशेषता बताते हुए उन्होंने इसे समाज के सृजन और प्रदर्शन का माध्यम बताया।
उन्होंने यह भी कहा कि धर्म और संस्कृति अलग-अलग होते हुए भी एक-दूसरे से प्रभावित रहते हैं। इसके उदाहरण में उन्होंने पड़ोसी देश श्रीलंका का उल्लेख किया, जहां रामचरितमानस का कोई सांस्कृतिक महत्व नहीं है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता (Udaipur Kiran) एजेंसी के समूह संपादक और पद्मश्री सम्मानित रामबहादुर राय ने की। उन्होंने दिनकर जी की पुस्तक संस्कृति के चार अध्याय का उल्लेख करते हुए कहा कि यह पुस्तक भारतीय इतिहास और संस्कृति को समझने का महत्वपूर्ण प्रयास है।
कार्यक्रम में आचार्य कृपलानी मेमोरियल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी अभय प्रताप, केसी त्यागी, अरविंद, रामचंद्र सहित अनेक विद्वान और श्रोता उपस्थित थे। अंत में सुरेंद्र जी ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।
(Udaipur Kiran) / सत्यवान