नवादा, 22 नवंबर (Udaipur Kiran) बिहार के बहुचर्चित गंगा उद्भव योजना के अंतर्गत नवादा जिले में जमीन अधिग्रहण का मामला जनांदोलन का रूप लेने लगा है । शुक्रवार को किसान विंग के बाम संगठनों द्वारा मोतनाजे गांव का दौरा किया गया । जहां पुलिसिया बर्बरता एवं दो लोगों की मौत से संबंधित अद्यतन जानकारी इकट्ठा की गई।
इस संदर्भ में अखिल भारतीय संयुक्त किसान मोर्चा , अखिल भारतीय किसान महासभा , अखिल भारतीय किसान सभा ,और राज्य किसान सभा ने के नेताओं ने बताया कि सभी बाम किसान संगठनों के वरीय नेताओं ने एक बैठक करके प्रस्ताव पारित किया है और मोतनाजे घटना में मृतक परिवार को दस लाख रूपये मुआवजा देने की मांग की है ।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए कॉम नरेंद्र सिंह ने कहा कि नारदीगंज प्रखण्ड के मधुवन और मोतनाजे गाँव में पिछले दिनों साढ़े चार सौ एकड़ जमीन अधिग्रहण का मामला तुल पकड़ लिया । प्रभावित किसानों ने कहा है कि अधिगृहीत जमीन तीन फसली है जिसके कारण किसान जमीन देने से इंकार कर रहे हैं । कानून के अनुसार ऐसी जमीन का अधिग्रहण नहीं किया जा सकता किन्तु बिहार सरकार मनमानी ढंग से किसानों की जमीन को अधिगृत कर रही है । ग्रामीणों ने इसी के विरुद्ध दो दिवसीय धरना दिया था। जहां एक महिला और एक पुरुष की मौत हो गई ।
किसान संगठनों ने इस मौत का जिम्मेवार जिला प्रशासन के अविवेकपूर्ण निर्णय को बताया । बैठक में सर्वसम्मति से मांग की गई कि फ़िलहाल जमीन अधिग्रहण पर रोक लगाई जैसी और किसानों से वार्ता के बाद ही कोई अधिग्रहण किया जाय । बैठक में किसान नेता रामजतन सिंह , गोविंद प्रसाद , नरेशचन्द्र शर्मा , जगदीश चौहान और अन्य नेताओं कार्यकर्ताओं ने भाग लिया ।
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(Udaipur Kiran) / संजय कुमार सुमन