
ग्वालियर, 3 मार्च (Udaipur Kiran) । सोमवार को ग्वालियर पहुंचे कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मध्य प्रदेश के बजट सत्र को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि “मुख्यमंत्री सदन में सरकार के घोषणा पत्र को रामायण और गीता की तरह बता चुके हैं। लेकिन रामायण और गीता के सवा साल में पन्ने नहीं खोल पाए हैं। साथ ही, मंत्री प्रहलाद पटेल के भीख मांगने वाले बयान पर उनकी तुलना रावण से की है। इस दौरान उन्होंने अन्य कई मुद्दों पर बयान दिया।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने एमपी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि लाडली बहनों को 3 हजार रुपये देने की बात कही थी, वह दे नहीं पाए। प्रदेश बीमारू राज्य हो रहा है, उद्योग आ नहीं रहे, बीमारू राज्य की श्रेणी में एमपी 9वें नंबर पर है, इसलिए यहां उद्योगपति भी नहीं आना चाहते। चाहे युवाओं, महिलाओं, किसान सहित घोषणा पत्र की बात हो, भ्रष्टाचार की बात हो, सभी मामलों को दबाया जा रहा है। कांग्रेस पार्टी सदन में इन मुद्दों पर ध्यानाकर्षण लेकर आएगी।” नेता प्रतिपक्ष ने प्रदेश में किसानों को 5 रुपए में बिजली का स्थायी कनेक्शन दिए जाने के ऐलान पर कहा कि, मुख्यमंत्री जी किसान हमारा भगवान है, आप 5 की बजाय मुफ्त में किसानों को बिजली दीजिए। प्रधानमंत्री ने 2014 में ऐलान किया था कि 2014 में किसान की आय दोगुनी कर दी जाएगी लेकिन अभी तक किसानों की आय दोगुनी नहीं हो पाई है। इस तरह की किसानों को रियायतें देने से किसानों को कोई फायदा नहीं होने वाला है, यदि उन्हें देना है तो बिजली मुफ्त दीजिए। एमएसपी दीजिए और उनको गारंटी दीजिए।
उमंग सिंघार ने मंत्री प्रहलाद पटेल के ‘भीख’ वाले बयान पर उनकी तुलना रावण से की है। सिंघार ने कहा कि “प्रहलाद पटेल वरिष्ठ और गंभीर मंत्री हैं। उन्होंने किस तारतम्य में यह कहा, क्यों कहा, उनकी मन की बात वही जानें लेकिन मुझे लगता है कि अगर कोई भी पीड़ित पक्ष आपके पास आता है, आवेदन-निवेदन करता है तो उसको निश्चित तौर पर न्याय मिलना चाहिए। मंत्रियों के पास आ रहे हैं, मुख्यमंत्री के पास आ रहे हैं, इसका मतलब यह है कि प्रशासनिक स्तर पर जिलो में अधिकारी काम नहीं कर रहे हैं। सीएम हेल्पलाइन में कई शिकायते पेंडिंग पड़ी हुई है। मुख्यमंत्री इस पर आखिर क्यों ध्यान नहीं दे रहे हैं। इस पर तत्काल सरकार को संज्ञान लेना चाहिए। इतने सालों की सरकार है तो किसी को भी घमंड तो आ ही जाता है। रावण को भी घमंड था एक दिन उसका घमंड भी खत्म हो गया।”
नेता प्रतिपक्ष ने शिवपुरी में 5 साल की मासूम के साथ हुई दरिंदगी पर सरकार को घेरते हुए कहा कि, “पूरे मध्य प्रदेश में इस तरह की घटनाएं हो रही है। टीकमगढ़ में भी नाबालिग बेटी के साथ इसी तरह की घटना हुई है। मुख्यमंत्री के पास गृह विभाग है। वह खुद मुख्यमंत्री हैं। उन्हें तत्काल इन मामलों पर सख्त एक्शन लेना चाहिए। सीएम आखिर कानूनी मामलों की समीक्षा क्यों नहीं कर रहे हैं? जो पुलिस अधिकारी काम नहीं कर पा रहे हैं उन्हें हटाइये, काम करने वालो को फील्ड में लाइए।”
मध्य प्रदेश में संभाग ग्लोबल के बाद अब जिला स्तरीय इंडस्ट्री कॉनक्लेव आयोजन को लेकर नेता प्रतिपक्ष का कहना है कि सीएम यह सब आयोजन करना चाह रहे हैं, यह अच्छी बात है। लेकिन इससे क्या उद्योग आएंगे? अभी हाल ही में ग्लोबल इन्वेस्टर मीट हुई है। उसमें कितने उद्योग आए हैं, इसका कोई जवाब नहीं है। उद्योगपति आ भी जाते हैं तो वह जमीन ले लेते हैं। लेकिन कई सालों तक यह जमीन खाली पड़ी रहती है। इसकी मुख्यमंत्री जी को समीक्षा करनी चाहिए, जब तक उद्योग ना लगे, जब तक लोगों को रोजगार न मिले तब तक इन्वेस्टर मीट फेल है।
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(Udaipur Kiran) / नेहा पांडे
