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नई होम स्टे पॉलिसी पर नेता प्रतिपक्ष का सरकार पर निशाना, तुगलकी और तानाशाही करार

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर पत्रकार वार्ता में

शिमला, 18 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में प्रस्तावित नई होम स्टे पॉलिसी को लेकर विपक्ष ने राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने इसे तुगलकी और तानाशाही नीति करार देते हुए कहा कि सरकार एक ओर तो प्रदेश के युवाओं को रोज़गार नहीं दे रही है और स्वरोजगार को बढ़ावा नहीं दे रही है वहीं दूसरी ओर जो लोग अपनी मेहनत से कुछ करना चाहते हैं, उनके रास्ते में भी रोड़े अटका रही है।

जयराम ठाकुर ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि नई होम स्टे पॉलिसी प्रदेश के दूरदराज़ इलाकों में महिलाओं के आजीविका और आत्मसम्मान पर सीधा हमला है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह पॉलिसी ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार और आत्मनिर्भरता को खत्म करने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को समझना चाहिए कि अगर वे प्रदेशवासियों को रोजगार नहीं दे सकते तो कम से कम जो लोग अपनी मेहनत से कुछ कमा रहे हैं, उन्हें भी ना रोकें।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र करते हुए कहा कि जब केंद्र सरकार महिलाओं को ‘लखपति दीदी’ बनाने के लक्ष्य पर काम कर रही है, तो प्रदेश सरकार उनकी मेहनत की कमाई छीनने में जुटी है। उन्होंने कहा कि पहले ही स्वावलंबन योजना और कौशल विकास कार्यक्रम बंद कर दिए गए हैं, जिससे प्रदेश के युवाओं के सामने रोजगार का संकट और गहरा गया है।

रजिस्ट्रेशन फीस में 150 गुना वृद्धि

जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि नई पॉलिसी के तहत होम स्टे के लिए रजिस्ट्रेशन फीस में 150 गुना तक वृद्धि की जा रही है। जहां पहले पांच साल के लिए 100 रुपए फीस देनी होती थी, अब एक साल के लिए ही 3000 रुपए देने होंगे। उन्होंने इसे हिमाचल की मातृशक्ति के साथ अन्याय करार देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने सत्ता में आने से पहले महिलाओं को 1500 रुपए महीना देने की गारंटी दी थी, लेकिन अब आत्मनिर्भर महिलाओं से तीन हजार रुपए सालाना वसूले जा रहे हैं।

जीएसटी नंबर की अनिवार्यता पर सवाल

जयराम ठाकुर ने नई पॉलिसी में जीएसटी नंबर की अनिवार्यता पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जीएसटी काउंसिल के नियमों के अनुसार, 20 लाख रुपए सालाना टर्नओवर वाले व्यवसायों को जीएसटी से छूट है, लेकिन राज्य सरकार ने होम स्टे के लिए इसे अनिवार्य कर दिया है। उन्होंने पूछा कि ग्रामीण इलाकों में एक-दो कमरों के होम स्टे चलाने वाली महिलाएं कैसे जीएसटी नंबर लेंगी और हर महीने रिटर्न कैसे भरेंगी?

कमर्शियल दरों पर बिजली-पानी देने की योजना का विरोध

ठाकुर ने सरकार की उस योजना की भी आलोचना की जिसमें होम स्टे को बिजली और पानी कमर्शियल दरों पर देने की बात कही गई है। उन्होंने आशंका जताई कि आने वाले समय में सरकार होम स्टे में कमर्शियल गैस सिलेंडर का उपयोग भी अनिवार्य कर सकती है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में होम स्टे पर 30 हजार और शहरी क्षेत्रों में 60 हजार रुपए तक का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।

पॉलिसी वापस लेने की मांग

नेता प्रतिपक्ष ने इसे ग्रामीण क्षेत्रों की आत्मनिर्भरता और स्वरोजगार के अवसरों पर सीधा हमला बताते हुए राज्य सरकार से इस पॉलिसी को तुरंत वापस लेने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह नीति ना केवल स्वरोजगार विरोधी है, बल्कि हिमाचली संस्कृति को भी आघात पहुंचाने वाली है।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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