नई दिल्ली, 20 दिसंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने राजधानी के कमर्शियल वाहनों को फिटनेस सर्टिफिकेट प्राप्त करने में हो रही परेशानियों के मद्देनजर नये सेंटर खोलने की मांग की है। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को पत्र लिखकर उन्होंने कहा कि दिल्ली में कमर्शियल वाहनों के लिए केवल एक ही फिटनेस सेंटर होने के कारण लाखों कमर्शियल वाहन चालकों को भारी परेशानी हो रही है। उन्हें अपनी गाड़ियों का फिटनेस सर्टिफिकेट लेने के लिए लगभग एक महीने बाद का अप्वाइंटमेंट मिल रहा है। इसके चलते बैकलॉग भी बढ़ता जा रहा है।
आतिशी को लिखे पत्र में गुप्ता ने बताया कि कमर्शियल वाहनों की एसोसिएशन के एक प्रतिनिधिमंडल ने उनसे भेंट कर दिल्ली के लाखों कमर्शियल वाहन चालकों को हो रही इस दिक्कत की ओर उनका ध्यान दिलाया है।
उन्होंने बताया कि ये समस्याएं व्हीकल इंस्पेक्शन यूनिट, बुराड़ी में फिटनेस परीक्षण बंद होने के बाद बहुत बढ़ गई हैं। ट्रान्सपोर्ट नियमों के मुताबिक एक अक्टूबर से सभी कमर्शियल वाहनों, जिनमें भारी, मध्यम और हल्के मालवाहक और यात्री वाहन शामिल हैं, इनके फिटनेस की जांच केवल ऑटोमेटेड टेस्टिंग विधि द्वारा ही की जानी अनिवार्य कर दी गई है। चूंकि बुराड़ी में मैनुअल फिटनेस परीक्षण किया जा रहा था, जिसे नया नियम आने के बाद इसे बंद कर दिया गया। वर्तमान में, झुलझुली में ही एकमात्र ऑटोमेटेड टेस्टिंग सुविधा से युक्त फिटनेस सेंटर है, जिसमें कमर्शियल वाहन मालिक अपने वाहनों का परीक्षण कराने के लिए मजबूर हैं।
गुप्ता ने कहा कि झुलझुली फिटनेस सेंटर में प्रतिदिन पांच सौ वाहन पहुंचते हैं लेकिन केवल दो सौ वाहनों की जांच ही हो पाती है। वाहनों की संख्या बहुत अधिक हो जाने के कारण यहां वाहन चालकों को लगभग एक महीने बाद का अप्वाइंटमेंट मिल रहा है और इस कारण दिन प्रतिदिन बैकलॉग भी बढ़ता जा रहा है। इससे वाहनों के नियमित संचालन में दिक्कत हो रही है, जो उनके मालिकों की रोजी रोटी पर व्यापक और प्रतिकूल असर डाल रही है। बढ़ती प्रतीक्षा अवधि के कारण अधिकारियों की मनमानी और भ्रष्टाचार का सामना भी वाहन चालकों को करना पड़ रहा है।
गुप्ता ने मुख्यमंत्री आतिशी से मांग की है कि दिल्ली के लाखों कमर्शियल वाहन चालकों की दिक्कत को समझते हुए तुरंत ही दिल्ली में ऑटोमेटेड टेस्टिंग सुविधा वाले नए फिटनेस सेंटर खोले जाएं ताकि ये सभी कमर्शियल वाहन बिना किसी बाधा के नियमानुसार सड़कों पर चल सकें।
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(Udaipur Kiran) / माधवी त्रिपाठी