कोलकाता, 12 दिसंबर (Udaipur Kiran) । कोलकाता के अलीपुर कोर्ट के वकीलों ने गुरुवार को बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदूओं पर हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन किया। वकीलों ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से शांति स्थापित करने और सभी के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करने की मांग की।
प्रदर्शन के दौरान वकीलों ने बांग्लादेश की एक अदालत के उस फैसले की आलोचना की, जिसमें हिंदू संन्यासी चिन्मय कृष्ण दास की राजद्रोह मामले में जमानत याचिका की सुनवाई की अपील खारिज कर दी गई थी। वकीलों ने कहा, हर व्यक्ति को न्याय और आत्मरक्षा का अधिकार है, और इसे सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
बांग्लादेश में पांच अगस्त को शेख हसीना की अवामी लीग सरकार के पतन के बाद से अशांति फैली हुई है। पिछले चार महीनों में, वहां के अल्पसंख्यक हिंदू, जो कुल जनसंख्या का केवल आठ प्रतिशत हैं, 200 से अधिक हमलों का शिकार हुए हैं।
वकीलों का कहना है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा और शांति सुनिश्चित करना वहां की अंतरिम सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने इस मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी हस्तक्षेप की मांग की।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर