
वाराणसी, 02 मई (Udaipur Kiran) । ऑल इंडिया बार काउंसिल (बीसीआई) की सदस्यता से वरिष्ठ फौजदारी अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी को हटाए जाने के विरोध में वाराणसी के वकीलों का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। लगातार तीसरे दिन शुक्रवार को भी वकीलों ने कचहरी स्थित अदालत परिसर में जमकर विरोध प्रदर्शन किया।
सेन्ट्रल बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों और वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक शंकर तिवारी एवं अनुज यादव के नेतृत्व में अधिवक्ताओं ने जुलूस निकालकर न्यायालय परिसर में भ्रमण किया और जिलाधिकारी कार्यालय जाकर राष्ट्रपति के नाम संबोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी के प्रतिनिधि अफसर को सौंपा।
ज्ञापन में मांग की गई कि वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी की बीसीआई सदस्यता तत्काल प्रभाव से बहाल की जाए। अधिवक्ताओं का आरोप है कि त्रिपाठी को बिना कोई पूर्व नोटिस या स्पष्टीकरण का अवसर दिए सीधे तौर पर बार काउंसिल ऑफ इंडिया से निष्कासित कर दिया गया। काउंसिल आफ इंडिया के को-चेयरमैन अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी को पद से हटाने के साथ, बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन ने नेशनल काउंसिल से उनकी सदस्यता रद्द कर दी है।
अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी ने एक कार्यक्रम के दौरान कुछ न्यायिक अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। इसके बाद बीसीआई चेयरमैन ने इस बयान को अनुचित ठहराते हुए उनकी सदस्यता रद्द कर दी। इस कार्रवाई को लेकर वाराणसी के अधिवक्ता समुदाय में असंतोष है। प्रदर्शन में सेन्ट्रल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अधिवक्ता मंगलेश दूबे, महामंत्री राजेश कुमार गुप्ता समेत अनेक वरिष्ठ अधिवक्ता उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में इस कार्रवाई को अलोकतांत्रिक बताते हुए त्रिपाठी की सदस्यता बहाल करने की मांग की।
————
(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी
