CRIME

जयपुर सेंट्रल जेल में रहते हुए लॉरेंस विश्नोई ने जूम एप के माध्यम से दिया था इंटरव्यू

जयपुर सेंट्रल जेल में दो कैदियों के बीच मारपीटःएक कैदी ने दूसरे कैदी का हाथ तोड़ा

जयपुर, 29 सितंबर (Udaipur Kiran) । कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने जयपुर सेंट्रल जेल से एक टीवी चैनल को जूम एप के माध्यम से इंटरव्यू दिया था। इस बात का खुलासा पंजाब पुलिस की जांच में हुआ है। पंजाब पुलिस की जांच रिपोर्ट के आधार पर जयपुर के लाल कोठी थाने में मामला दर्ज करवाया है। पंजाब एसआईटी की टीम ने जांच के बाद यह सबूत जयपुर पुलिस को दिए हैं कि जयपुर सेंट्रल जेल में रहते हुए गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का इंटरव्यू हुआ था। जूम ऐप के जरिए एक टीवी चौनल से जुड़कर लॉरेंस ने इंटरव्यू दिया था।

गौतलब है कि लॉरेंस बिश्नोई ने फरवरी 2023 में जेल में बंद रहने के दौरान एक टीवी चैनल को इंटरव्यू दिया था। मामले की जांच को लेकर कोर्ट के आदेश पर पंजाब पुलिस ने पहली एफआईआर दिसंबर-2023 में और दूसरी जनवरी-2024 में दर्ज की थी। मार्च 2023 में लॉरेंस के 2 इंटरव्यू सामने आए थे। लॉरेंस उस समय 21 दिन जयपुर पुलिस की कस्टडी था। एसआईटी ने इस मामले की सुनवाई के दौरान पंजाब हाईकोर्ट में दो में से एक इंटरव्यू राजस्थान की किसी जेल से होने की बात कही थी। जनवरी-2024 में दर्ज दूसरी एफआईआर की जांच में पता चला कि इंटरव्यू के दौरान गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई जयपुर सेंट्रल जेल में बंद था। अगस्त-2024 में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने एसआईटी हेड प्रबोध कुमार को राजस्थान डीजीपी को इसके सबूत देने के निर्देश दिए। इसी जांच के आधार पर जयपुर में केस दर्ज हुआ है।

दरअसल जयपुर के जी क्लब फायरिंग केस में जवाहर सर्किल थाना पुलिस लॉरेंस बिश्नोई को 15 फरवरी को जयपुर लाई थी। यहां लॉरेंस को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने उसे 16 दिन की पुलिस रिमांड पर सौंप दिया गया। लॉरेंस 2 मार्च तक जवाहर सर्किल थाना पुलिस की कस्टडी में कड़ी सुरक्षा के बीच रहा था। पुलिस ने व्यापारियों से रंगदारी मांगने और जी क्लब फायरिंग केस के मामले में लॉरेंस से पूछताछ की थी। पुलिस ने लॉरेंस से रोहित गोदारा, गोल्डी बराड़ और अरविंद बिश्नोई के बारे में भी जानकारी जुटाई थी।

14 और 17 मार्च को प्रसारित हुए दो इंटरव्यू

बठिंडा जेल में शिफ्ट होने के बाद 14 और 17 मार्च को एक निजी न्यूज चौनल पर लॉरेंस बिश्नोई के 2 इंटरव्यू प्रसारित हुए। ये इंटरव्यू सामने आने के बाद पंजाब पुलिस और बठिंडा जेल प्रशासन के होश उड़ गए। गैंगस्टर बिश्नोई के जेल से प्रसारित हुए इंटरव्यू को गंभीर घटना बता कर पंजाब- हरियाणा हाईकोर्ट ने इस पर स्वतरू संज्ञान लिया था। कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि इंटरव्यू की सुविधा देने वाले अधिकारियों की पहचान करने और उन पर सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता है। कोर्ट के आदेश पर मार्च 2023 में एसआईटी गठित की गई। पंजाब पुलिस के विशेष पुलिस महानिदेशक विशेष कार्य बल और एडीजीपी जेल की दो सदस्यीय समिति बनाई गई थी। लॉरेंस का पहला इंटरव्यू 14 मार्च को ब्रॉडकास्ट हुआ था। जिसमें लॉरेंस ने सिद्धू मूसेवाला का कत्ल करवाने की बात कबूली थी। लॉरेंस का कहना था कि मूसेवाला सिंगिंग के बजाय गैंगवार में घुस रहा था। उसके कॉलेज फ्रेंड अकाली नेता विक्की मिड्‌डूखेड़ा के कत्ल में भी मूसेवाला का हाथ था। इसलिए उसे मरवाया। एसआईटी रिपोर्ट के मुताबिक ये वही इंटरव्यू है, जो उसने कस्टडी के दौरान दिया था। लॉरेंस ने अपने दूसरे इंटरव्यू में जेल के अंदर से इंटरव्यू देने का सबूत भी दिया था। उसने अपनी बैरक भी दिखाई और बताया कि उसे बाहर नहीं जाने दिया जाता, लेकिन मोबाइल भी उसके पास आ जाता है और सिग्नल भी। लॉरेंस ने अपने इंटरव्यू में कहा कि रात के समय जेल के गार्ड बहुत कम आते-जाते हैं, इसलिए वह रात को कॉल कर लेता है। लॉरेंस ने मोबाइल के अंदर आने के बारे में भी जानकारी दी थी। लॉरेंस के अनुसार मोबाइल बाहर से जेल के अंदर फेंके जाते हैं। कई बार जेल स्टाफ उन्हें पकड़ भी लेता है, लेकिन अधिकतर बार मोबाइल उस तक पहुंच जाता है।

लॉरेंस ने जेल में रहते हुए तैयार किया नेटवर्क

एनआईए की रिपोर्ट के अनुसार लॉरेंस बिश्नोई अभी 4 मामलों में दोषी करार दिया गया है। दुश्मन गैंग से इनकी लड़ाई चलती रहती है। गैंग उन पर हावी होती तो, उसके मेंबर्स खुद लॉरेंस से जुड़ जाते। इस तरह नेटवर्क चेन बढ़ता जाता है। लॉरेंस का नेटवर्क जेल के अंदर रहते हुए ज्यादा मजबूत हुआ है। जेल में रहते हुए उसकी दूसरे गैंगस्टर से दोस्ती हुई। फिर इनके गुर्गों ने आपस में मिलकर जेल के बाहर नेटवर्क मजबूत किया। उसी नेटवर्क से फिरौती और टारगेट किलिंग करने लगे। लॉरेंस बिश्नोई गैंग में अभी 700 से ज्यादा मेंबर हैं। एनआईए ने अपनी रिपोर्ट में गैंग के ऑपरेट होने की प्रोसेस बताई है। रिपोर्ट में लिखा है कि गैंग सिर्फ दो लोगों के आदेश पर चलती है। पहला लॉरेंस बिश्नोई और दूसरा गोल्डी बराड़ है। बड़ा क्राइम करने का फैसला लॉरेंस बिश्नोई का होता है। गैंग में शामिल होने के लिए लड़कों को ब्रांडेड कपड़े, पैसे और विदेश में सेटल होने का लालच दिया जाता है। नए मेंबर फेसबुक और इंस्टाग्राम के जरिए जोड़े जाते हैं।

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(Udaipur Kiran)

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