चूरू, 23 जनवरी (Udaipur Kiran) । लद्दाख के द्रास ग्लेशियर में शहीद हुए सादुलपुर के जवान सतीश स्वामी (24) का मंगलवार शाम उनके पैतृक गांव ठिमाऊ बड़ी में पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। बड़े भाई रविंद्र स्वामी ने नम आंखों से उन्हें मुखाग्नि दी। शहीद के पिता बुद्धराज स्वामी और बड़ा भाई रविंद्र इस दौरान बिलख पड़े।
इससे पहले सादुलपुर के शहीद स्मारक से उनके गांव तक 17 किलोमीटर लंबी तिरंगा यात्रा निकाली गई। इस यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए, जिनमें बड़ी संख्या में बाइक सवार युवा भी थे। तिरंगा लहराते हुए और ‘शहीद अमर रहे’ के नारे लगाते हुए लोगों ने शहीद को श्रद्धांजलि दी।
जवान सतीश स्वामी 5 गोरखा राइफल्स (फ्रंटियर फोर्स) में नायक के पद पर तैनात थे। 19 जनवरी की रात द्रास ग्लेशियर में पेट्रोलिंग के दौरान पहाड़ी से पैर फिसलने से उनकी जान चली गई।
शहीद के पिता बुद्धराज स्वामी, जो पहले उदयपुर सिटी पैलेस में नौकरी करते थे, अब घर पर ही रहते हैं। मां सुमित्रा देवी गांव में ही आंगनबाड़ी केंद्र पर काम करती हैं। बड़े भाई रविंद्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। सतीश और उनके भाई दोनों अविवाहित थे।
शहीद के चचेरे भाई प्रमोद स्वामी ने बताया कि सतीश फरवरी में छुट्टी पर घर आने वाले थे। सेना में उनकी भर्ती करीब पांच साल पहले हुई थी।
अंतिम संस्कार के समय पिता बुद्धराज स्वामी ने बेटे की पार्थिव देह पर पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस दौरान वे फफक कर रो पड़े। गांव के लोगों, सेना के अधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों ने शहीद को श्रद्धांजलि दी।
पूर्व सैनिक संघ के तहसील अध्यक्ष जगत सिंह ने बताया कि सेना के अधिकारियों ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि पेट्रोलिंग के दौरान पहाड़ी से पैर फिसलने के कारण सतीश शहीद हो गए।
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(Udaipur Kiran)