शिमला, 12 नवंबर (Udaipur Kiran) । इंदिरा गाँधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) में मिनिमल इनवेसिव सर्जरी शुरू की गयी है। आईजीएमसी के डॉक्टरों की टीम ने सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। लेप्रोस्कोपिक सर्जरी रोगियों के लिए तेजी से रिकवरी और कम जटिलताएँ वाली सर्जरी है। वर्तमान में, ऐसी प्रक्रियाएं केवल चुनिंदा केंद्रीय सरकारी संस्थानों और निजी कॉर्पोरेट अस्पतालों में उपलब्ध हैं, जहां वे महंगी हैं और कई रोगियों की पहुंच से बाहर हैं ऐसे में आईजीएमसी में लेप्रोस्कोपिक सर्जरी शुरू होने से मरीजों को लाभ मिलेगा।
सर्जरी विभाग के एचओडी डॉ. यू.के. चंदेल ने बताया कि वे पहले केवल ओपन सर्जरी के माध्यम से मरीजों का उपचार करते थे जबकि अब भोजन नली के कैंसर के लिए, छाती के हिस्से की सर्जरी लैप्रोस्कोपी के माध्यम से की गई है। पेट और मलाशय के कैंसर के लिए पूरी सर्जरी लैप्रोस्कोपी के माध्यम से की गई है। ऐसी उन्नत सर्जरी आईजीएमसी में नियमित रूप से नहीं की जाती है, और यह पहली बार है कि भोजन नली के कैंसर की सर्जरी लैप्रोस्कोपी का उपयोग करके की गई है।
आईजीएमसी शिमला की प्रिंसिपल डॉ सीता का कहना है कि एडवांस सर्जरी की ओर आईजीएमसी बढ़ रहा है। नर्सिंग स्टाफ, ऑपरेशन थिएटर सहायकों और अन्य सहायक कर्मचारियों के महत्वपूर्ण समर्थन के कारण इसे अंजाम दे पाए है। आईजीएमसी में अधिकांश खर्च हिमकेयर कार्ड के अंतर्गत कवर किए जाते हैं, जिससे गरीब मरीजों को लाभ हो रहा है।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा