-पांच तस्करों के खिलाफ विधिक कार्रवाही, कोलकाता से हरियाणा प्रतिबंधित मछलियों को लेकर जा रहे थे
वाराणसी, 29 नवम्बर (Udaipur Kiran) । लंका पुलिस ने शुक्रवार को तस्करों से बरामद प्रतिबंधित थाई मांगुर मछलियों अंगुलिका (मछली के बच्चों) को जमीन में दफन कराया। जेसीबी से गड्डों में मिट्टी डाली गई। पूरी कार्यवाही मजिस्ट्रेट और मत्स्य निरीक्षक की देखरेख में हुई। बरामद प्रतिबंधित मछलियों की कीमत दस लाख रुपये आंकी गई। प्रतिबंधित थाई मांगुर मछली के बच्चों से भरा ट्रक लंका थाना प्रभारी शिवाकांत मिश्र और रमना चौकी प्रभारी धर्मेंद्र ने वाहन चेकिंग के दौरान 26 नवम्बर को पकड़ा था। इस दौरान पुलिस ने पांच तस्करों को भी हिरासत में लिया था। लंका थाना प्रभारी शिवाकांत मिश्र के अनुसार वाहन चेकिंग के दौरान एक ट्रक को रोककर चेक किया गया तो उसमें मछली के बच्चे लदे मिले। संदिग्ध प्रतीत होने पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य विभाग को इसकी जानकारी दी गई। मत्स्य विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और वाहन पर लदे मछलियों के बच्चों का सैंपल लिया। इसके बाद बताया गया कि यह प्रतिबंधित थाई मछली के बच्चे हैं। सैम्पल को जांच पड़ताल के लिए लखनऊ भेजा गया। लखनऊ से प्राप्त रिपोर्ट में बताया गया कि ट्रक पर प्रतिबंधित थाई मछलियां हैं। इसके बाद तहसीलदार सदर और मत्स्य निरीक्षक विवेक निगम की देखरेख में ट्रक में लदे मछली को गद्दा खुदवा कर विनष्टीकरण की कार्रवाई कराई गई। उन्होंने बताया कि ट्रक ड्राइवर योगराज सहित चार लोगों को गिरफ्तार कर अभियोग पंजीकृत कर कार्रवाई की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि प्रतिबंधित थाई मांगुर मछली स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक होता है। इस मछली के खाने से लीवर कैंसर सहित अन्य गंभीर बीमारियां होती है। देश में प्रतिबंधित थाई मांगुर मछली को खाने और पालने पर प्रतिबंध है। वर्ष 2000 में एनजीटी और केंद्र सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगाया है। कहा जाता है कि मांगुर मछली जिस तालाब या जलाशय में रहती है, वहां दूसरी प्रजाति की एक भी मछली या कीड़े-मकोड़े तक नहीं बचते। यह मछली दूसरी मछलियों को भी अपना शिकार बनती है।
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी