Uttrakhand

खूपी गांव में गहरा रही भूस्खलन की समस्या

खूपी गांव में इस तरह हो रहा है भूस्खलन और घरों में पड़ी हैं दरारें।

नैनीताल, 03 अगस्त (Udaipur Kiran) । नैनीताल जनपद मुख्यालय के निकटवर्ती खूपी गांव में डेढ़ दशक से भी अधिक लंबे समय से भूस्खलन हो रहा है। यहां रहने वाले लोगों को अन्यत्र विस्थापित करने के प्रयास भी हुए। कुछ लोग विस्थापित हुए भी, लेकिन कुछ लोग अपने घरों को छोड़ने के लिये तैयार नहीं हुए। उल्टे क्षेत्र में अन्य मौसम में यहां आसपास कई होटल-रिजॉर्ट भी बन गऐ और दूसरी ओर हर वर्ष बरसात के मौसम में यहां पाइंस से आने वाले गधेरे की ओर से भूस्खलन का खतरा और बढ़ता चला जा रहा है।

यहां एक दर्जन से अधिक घर भूस्खलन की जद में आ गए हैं। उनमें दरारें पड़ गयी हैं। ऐसे में स्थानीय लोग शासन-प्रशासन से ग्राम वासियों को विस्थापित करने या गांव में हो रहे भूस्खलन का स्थायी उपचार करने की मांग उठा रहे हैं। बीते मंगलवार को प्रशासन की टीम ने क्षेत्र का निरीक्षण किया था और सिंचाई विभाग को क्षेत्र की सुरक्षा के लिए तात्कालिक यानी अल्पकालिक और दीर्घकालिक योजना बनाने के निर्देश दिए। इस बीच घर में दरार आने से गांव के निचले क्षेत्र से कुछ परिवारों के अपना घर छोड़ने की बात भी कही जा रही है।

क्षेत्रवासियों के अनुसार वर्ष 2011 से खूपी गांव में भूस्खलन के कारण कई घरों में दरारें आ गई थीं। अब तक इस कारण कई घर क्षतिग्रस्त हो चुके हैं और ग्रामीणों के अनुसार अब तक ग्रामीणों की करीब 100 नाली भूमि भूस्खलन में नष्ट हो चुकी है। आधा दर्जन से अधिक परिवार गांव छोड़कर सुरक्षित स्थान पर चले गए हैं। यह खतरा बढ़ता भी जा रहा है। हर बरसात में खूपी में रहने वाले लोग डर के साए में जीवन व्यतीत करते हैं।

इस मामले में एसडीएम प्रमोद कुमार ने बताया कि गांव का निरीक्षण करने के बाद सिंचाई विभाग के अधिकारियों को तात्कालिक व दीर्घकालिक योजना बनाने को कहा गया है। साथ ही जिन लोगों के घरों में दरारें आ गयी हैं, उन्हें अपना घर खाली करके दूसरे स्थान पर जाने के निर्देश दिए गए हैं।

ब्लॉक प्रमुख डॉ. हरीश बिष्ट ने बताया कि गांव को विस्थापित करने के प्रयास हुए थे, तब कुछ परिवार विस्थापित हुए भी, लेकिन कई परिवार गांव छोड़ने को तैयार नहीं हुए। इस कारण समस्या बनी हुई है।

(Udaipur Kiran) / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी / वीरेन्द्र सिंह

Most Popular

To Top