Uttrakhand

नरेंद्रनगर में किया जाए भूमि बंदोबस्त

फोटो-11 एनटीएच 27-नरेंद्रनगर में मंगलवार को बंदोबस्त की मांग के लिए नारेबाजी करते हुए स्थानीय लोग

नई टिहरी, 10 जून (Udaipur Kiran) । नरेंद्रनगर सामुदायिक भवन में भूमि बंदोबस्त समिति ने एक बैठक का आयोजन किया। बैठक के नारेबाजी करते हुए भूमि बंदोबस्त की मांग की। कहा कि 76 वर्ष भी भूमि बंदोबस्त न करवाने के चलते नरेंद्रनगर के लोगों को भूस्वामित्व नहीं मिल पाया है।

बैठक में वक्ताओं ने कहा कि टिहरी रियासत का विलय 1949 में भारत सरकार में हुआ था।

उसके पश्चात उत्तर प्रदेश सरकार तथा उत्तराखंड सरकार ने आज तक नरेंद्रनगर शहर का भूमि बंदोबस्त नहीं करवाया है। जिससे लोगों को भूस्वामित्व के अभाव में तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मामले में पूर्व किए गए पत्राचार पर संघर्ष समिति को यह जवाब मिला है कि 1963 -64 में नरेंद्र नगर शहर का भूमि बंदोबस्त हुआ था। लेकिन 1938 का भू राजस्व अभिलेख न मिलने से बंदोबस्त नहीं हो पाया। फिर 1992 से 2020 तक भूमि बंदोबस्त हुआ, लेकिन बंदोबस्त वालों ने जानकारी दी की 1938 का राजस्व अभिलेख ना मिलने से बंदोबस्त रोक दिया गया। संघर्ष समिति के अध्यक्ष सूरज सिंह आर्य द्वारा शासन को बंदोबस्त करने को निवेदन किया गया था। जिसमें अपर सचिव राजस्व विभाग ने बताया कि नरेंद्र नगर का राजस्व अभिलेख उपलब्ध न होने से नरेंद्रनगर को सर्वेक्षण कार्य से पृथक किया गया है।

मामले में शंकर समिति का कहना है कि सरकार द्वारा उत्तराखंड के चार शहरी क्षेत्र और पांच नदी किनारे के गांव का सर्वेक्षण किया जाने वाला है। इसलिए नरेंद्र नगर की जनता मांग करती है कि इस सर्वेक्षण के साथ-साथ नरेंद्रनगर का भूमि बंदोबस्त भी किया जाए। जिसमें 75 वर्ष से लंबित मामला हल हो जाएगा। नरेंद्रनगर के लोगों को भूस्वामित्व मिल पायेगा। बैठक में संघर्ष समिति के अध्यक्ष सूरत सिंह आर्य, सचिव रघुवीर सिंह भंडारी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष उपेंद्र नाथ रैगमी, हर्ष मणी भट्ट जगत सिंह भंडारी, श्यामलाल थपलियाल, धर्म सिंह चौहान ,पुष्पा नेगी, रेखा रमोला, पूनम नेगी, पुरुषोत्तम डंग, सोनू, मुकेश भंडारी ,राजेंद्र सिंह नेगी आदि मौजूद रहे।

(Udaipur Kiran) / प्रदीप डबराल

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