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लालू यादव ने आईआरसीटीसी घोटाला मामले में मुकदमा चलाने की मंजूरी की वैधता पर सवाल उठाया

नई दिल्ली, 04 मार्च (Udaipur Kiran) । दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में आज रेलवे टेंडर घोटाला मामले के आरोपित लालू यादव की ओर से उनके खिलाफ अभियोजन चलाने के लिए दी गई अनुमति की वैधता पर सवाल उठाया गया। एडिशनल सेशंस जज विशाल गोगने ने आरोपितों के खिलाफ आरोप तय करने पर अगली सुनवाई 05 मार्च को करने का आदेश दिया।

सुनवाई के दौरान लालू यादव की ओर से पेश वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि अभियोजन चलाने के लिए कोई साक्ष्य नहीं है, ऐसे में अनुमति की वैधता सवालों के घेरे में है। उन्होंने कहा की पहले सीबीआई ने कहा कि लालू यादव के खिलाफ अभियोजन चलाने के लिए अनुमति की कोई जरूरत नहीं है। उसके बाद सीबीआई ने कहा कि उन्हें अभियोजन चलाने के लिए अनुमति मिल गई है। ये कानून सम्मत नहीं है।

बीते 28 फरवरी को सीबीआई ने कहा था कि आरोपितों के खिलाफ अभियोजन चलाने के लिए पुख्ता सबूत हैं। 28 जनवरी 2019 को कोर्ट ने ईडी की ओर से दर्ज केस में लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को नियमित जमानत दी थी। कोर्ट ने एक-एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी थी। 19 जनवरी 2019 को कोर्ट ने सीबीआई की ओर से दर्ज केस में लालू यादव को नियमित जमानत दी थी।

कोर्ट ने 17 सितंबर 2018 को ईडी की ओर से दायर चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। इस मामले में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी समेत 16 लोगों को आरोपी बनाया गया है। ईडी ने जिन्हें आरोपी बनाया है उनमें लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, मेसर्स लारा प्रोजेक्ट एलएलपी, सरला गुप्ता, प्रेमचंद गुप्ता, गौरव गुप्ता, नाथ मल ककरानिया, राहुल यादव, विजय त्रिपाठी, देवकी नंदन तुलस्यान, मेसर्स सुजाता होटल, विनय कोचर, विजय कोचर, राजीव कुमार रेलान और मेसर्स अभिषेक फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।

लालू यादव पर आरोप है कि उन्होंने रेलमंत्री रहते हुए रेलवे के दो होटलों को आईआरसीटीसी को ट्रांसफर किया और होटलों की देखभाल के लिए टेंडर जारी किये थे। रांची और पुरी के दो होटलों का आवंटन कोचर बंधु की कंपनी सुजाता होटल को ट्रांसफर कर दिया था।

(Udaipur Kiran) /संजय

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(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय

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