-बांध के बाहर उपजाऊ बांगर मिट्टी हो जायेगी बंजर
पूर्वी चंपारण,08 दिसंबर (Udaipur Kiran) ।जिले के सदर प्रखंड,बंजरिया सुगौली से लेकर पश्चिम चंपारण तक सिकरहना नदी पर हो रही बांध निर्माण को लेकर लोगो में आक्रोश व्याप्त है।बांध रोकने को लेकर रविवार को बंजरिया अंचल के मोहम्मदपुर हाई स्कूल में आहुत बैठक में जनप्रतिनिधि व हजारो की संख्या मे जुटे एक स्वर में बांध निर्माण का विरोध करते हुए इसे प्रकृति और मानवता के विरूद्ध बताया।
बैठक में जुटे किसानो ने इस अभियान को सीएम और पीएम तक पहुंचाने के लिए एक कमिटी का भी गठन किया।जिसमे प्रभावित हर प्रखंड के पंचायत व गांव के लोगो को शामिल किया गया। बैठक में शामिल सुगौली के मनोज कुमार व बंजरिया के इकबाल अहमद ने कहा हमे उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर करनी होगी। इसके लिए धन की आवश्यकता पड़ेगी। जिसे चंदा के रूप में इकठ्ठा करना है। उन्होंने कहा वर्ष 21 में इसे अनुमत्ति दी गई। जिसके बाद से लगातार सिंचाई व जल संसाधन मंत्री से पत्राचार किया जा रहा है। बावजूद इसका 520 करोड़ में टेंडर निकाल दिया गया।
सरकार को इतनी जल्दी है,कि वह नमामि गंगे से राशि लेकर यहां लगा रही है। जबकि यहां के लोगो को इसकी जरूरत नही है। बीजेपी नेता व मोखलिशपुर निवासी सन्तोष सिंह ने कहा कि हमारे सांसद डॉ संजय जायसवाल पिछले वर्ष लोकसभा में 20 मिनट चर्चा किए। हम उनसे आग्रह करेंगे कि वे इस पर रोक लगाएं। जबकि ओजैर अंजुम ने कहा कि हम इस लड़ाई को चरणबद्ध तरीके से लड़ें। पहले अंचल,एसडीएम, डीएम व सीएम तक लेकर चले। जरूरत पड़ने पर हमें शक्ति प्रदर्शन भी करना पड़ेगा।
मौके नरकटिया विधायक डॉ शमीम अहमद ने लोगो को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि हमे जब मालूम चला कि यहां बांध निर्माण होना है,तो मैं पिछले वर्ष अगस्त में सीएम व डिप्टी सीएम को पत्र दिया था। कहा कि यह बांध लोगों को बचाने के लिए नही डुबोने के लिए बनाया जा रहा है। इस बांध से बंजरिया,सुगौली,रामगढ़वा,आदापुर, छौड़ादानो,व सदर प्रखंड बुरी तरह प्रभावित होगा। अभी जो नदी का पानी चारो तरफ फैल जाता है। बांध निर्माण के बाद रुक जाएगा। जिससे बरसात में लोग घरो में नही छतों पर रहने को मजबूर होंगे। अभी पानी 5 फीट रहता है,तो निर्माण के बाद दस फीट होगा। यह जनहित में नही है। इस पर तत्काल रोक लगाया जाए। हम आम लोगो के साथ है।
मुखिया आदिल राणा ने कहा कि बांध निर्माण के बाद सुंदरपुर, खैराघाट व जनेरवा में बना चचरी पुल डूब जाएगा। लोगो का जन जीवन बुरी तरह प्रभावित हो जाएगा। यह पर्यावरण के खिलाफ है।
पत्रकार व बंजरिया प्रखंड निवासी आनंद प्रकाश व बंजरिया को लंबे समय से कवर कर रहे पत्रकार दिनेश तिवारी ने कहा है,कि सिकरहना नदी में नेपाल की छोटी 23 नदियां आकर मिलती है। नदी काफी छिछली हो गई है। इसमे काफी मात्रा गाद जमा हो गया है। नदी भर गई है। इस गाद को निकाल दिया जाए। जिससे 60 प्रतिशत बाढ़ की समस्या अपने आप दूर हो जाएगी। दूसरी नदी काफी टेढ़ा मेढ़ा हो गया है। उसे सीधा किया जाए। मसान नदी पर डैम बनाया जाएं। जिसके बाद सिकरहना नदी में बाढ़ नही आएगी। यही सुझाव वर्ष 1979 में केंद्र के सिंचाई व राज्य के तत्काली सिंचाई मंत्री ने भी दी थी। जिस पर वर्ष 80 में कार्य रोक दिया गया था।
आनंद प्रकाश ने बताया कि बाढ रोकने के लिए बन रहे इस बांध से लाखो लोग विस्थापित होगे,साथ ही यहां उपलब्ध दुर्लभ बांगर मिट्टी बंजर हो जायेगी।सरकार इस पर विचार करे बांध के बजाय अटल बिहारी बाजपेयी जी के नदी जोड़ो अभियान बेहतर विकल्प है। बैठक में सुगौली के मनोज कुमार,श्रीकांत यादव,सज्जाद आलम,इकबाल अहमद,मो कलाम,मो सालिम, आदिल राणा, शमिमुल हक,सन्तोष सिंह,गोबिंद सिंह,जावेद आलम,रेयाजुल हक,अजमत अली,सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे।
(Udaipur Kiran) / आनंद कुमार