

– यज्ञोपवीत-मुंडन का शुभ मुहूर्त बना आस्था का पर्व, धाम में गूंजे जयकारे
मीरजापुर, 8 जून (Udaipur Kiran) । ज्येष्ठ मास की त्रयोदशी तिथि पर आदि शक्ति मां विंध्यवासिनी धाम में रविवार को श्रद्धा का समंदर लहराया। यज्ञोपवीत और मुंडन संस्कार के पावन मुहूर्त ने श्रद्धालुओं की आस्था को ऐसा परवाज दिया कि तपती दोपहर, झुलसाती जमीन और पसीने से तर-बतर रास्ते भी उन्हें मां के दर्शन से नहीं रोक सके।
सुबह से ही भक्तों की लंबी कतारें मंदिर की ओर बढ़ती रहीं, मानो मां के एक दर्शन से सारे कष्ट कट जाएंगे। शाम तक अनुमानित एक लाख से अधिक श्रद्धालु मां के चरणों में शीश नवाकर मन्नतें मांगते नज़र आए।
चारों दिशाओं से उमड़े भक्तों ने बिना चप्पल-जूते के तपते पत्थरों पर चलकर यह साबित कर दिया कि आस्था गर्मी की परवाह नहीं करती। मंदिर परिसर में सुबह मंगला आरती से पहले ही तिल रखने की जगह नहीं बची थी।
धाम में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहे। हर दिशा से पुलिस की चौकसी, सीसीटीवी की निगरानी और प्रमुख स्थलों पर विशेष बल की तैनाती। मां विंध्यवासिनी मंदिर के साथ-साथ काली खोह, अष्टभुजा और सीता कुंड मार्ग भी चाकचौबंद नजर आए।
श्री विंध्य पंडा समाज के सदस्य श्रद्धालुओं को निर्बाध दर्शन कराने में जुटे रहे। गर्भगृह तक श्रद्धालुओं को पहुंचाने में उनकी सेवा भावनाएं मिसाल बनीं। जगह-जगह प्याऊ और बोतलबंद पानी का वितरण भी किया गया।
(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा
