
नई दिल्ली, 24 मार्च (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के आरोपित आशीष मिश्रा को मिली जमानत को वापस लेने से इनकार कर दिया है। जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि पुलिस की रिपोर्ट में इस आरोप से इनकार किया गया है कि आशीष मिश्रा के नजदीकी व्यक्ति ने गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश की। हालांकि कोर्ट ने गवाह को इस बात की छूट दी कि वो स्थानीय पुलिस के पास जाकर अपनी शिकायत दर्ज कराएं।
कोर्ट ने कहा कि ट्रायल जारी रखा जाए। ट्रायल कोर्ट में अगली तिथि 16 अप्रैल है और ट्रायल कोर्ट चश्मदीद और महत्वपूर्ण गवाहों के बयान दर्ज करने को प्राथमिकता में रखे।
नवंबर 2024 में कोर्ट ने लखीमपुर खीरी के एसपी से पूछा था कि वो ये बताएं कि क्या लखीमपुर-खीरी हिंसा मामले के आरोपित आशीष मिश्रा ने गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश की।
सुनवाई के दौरान आशीष मिश्रा की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ दवे ने पीड़ित पक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि याचिका केवल पब्लिसिटी के लिए दायर की गई है। उन्होंने कहा था कि जिस दिन के आरोप लगाए गए हैं उस दिन आशीष मिश्रा लोकसभा सचिवालय में थे। आशीष मिश्रा पर पीड़ित पक्ष ने आरोप लगाया था कि आशीष गवाहों को धमका रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने 22 जुलाई 2024 को आशीष मिश्रा को सशर्त जमानत दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा को लखनऊ में रहने की इजाजत दी थी लेकिन वह लखीमपुर खीरी नही जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए इस घटना से जुड़े दूसरे केस में बंद चार किसानों को भी अंतरिम जमानत दी थी जिन पर घटना के बाद पीट-पीटकर हत्या करने का आरोप है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि आशीष मिश्रा या उनके परिवार ने किसी भी तरह से ट्रायल को प्रभावित करने की कोशिश की तो जमानत रद्द कर दी जाएगी। लखीमपुर खीरी में 03 अक्टूबर 2021 को हुई हिंसा में आठ लोगों की जान चली गई थी। इस मामले में एसआईटी ने आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपित बनाकर 03 जनवरी 2022 को लखीमपुर की कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था।
(Udaipur Kiran) /संजय
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(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा
