Maharashtra

झीलों का नहीं कचरे का शहर ठाणे,पूर्व सांसद विचारे

Thane city of garbage

मुंबई ,23 मई ( हि.स) । शिवसेना (उबाठा) पार्टी के नेता और पूर्व सांसद राजन विचारे ने कटाक्ष कर कहा कि मनपा अधिकारियों को झीलों के शहर का नाम बदलकर कचरा और डंपरों का शहर रखने की चुनौती दी है। पूर्व सांसद राजन विचारे ने ठाणे नगर निगम के अधिकारियों के साथ आज ठाणे शहर का पहला चरण का दौरा किया। नालियों, सड़कों और झीलों की खराब स्थिति को देखकर विचारे ने नगर निगम के अधिकारियों को आढ़े हाथों लिया।

ठाणे के तत्कालीन सांसद राजन विचारे ने आज इसके बाद हमने ठाणे नगर निगम के अधिकारियों के साथ संयुक्त दौरा किया। यह दौरा मसुंदा झील से शुरू हुआ। यह बताया गया कि झील के निकास का कार्य धन की कमी के कारण अधूरा पड़ा है। इसलिए उन्होंने आशंका जताई कि बारिश का पानी बाजार में घुस जाएगा उन्होंने मौके पर मौजूद अधिकारियों को यह भी दिखाया कि ठेकेदार किस तरह वंदना डिपो स्थित पारस सोसायटी के सामने नाले की सफाई करता है, जिसमें कूड़ा भरा हुआ है।इस निरीक्षण दौरे के दौरान ठाणे मनपा के अतिरिक्त आयुक्त प्रशांत रोडे, उपायुक्त मनीष जोशी, प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी मनीषा प्रधान, उपनगर अभियंता सुधीर गायकवाड़, कार्यकारी अभियंता मोहन कलाल, भगवान शिंदे, वैभव प्रथुंथी, चंद्रकांत सावंत, स्वच्छता निरीक्षक अधिकारी और अन्य अधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

उन्होंने स्पष्ट उदाहरण देकर बताया कि किस प्रकार कचहरी झील में सिंचाई पंप बंद पड़े हैं और वहां घास उग रही है। उस समय शिवसेना नेता राजन विचारे ने अधिकारियों पर निशाना साधते हुए कहा था कि वे एक बोर्ड लगाएं जिसमें लिखा हो कि ठाणे झीलों का शहर नहीं बल्कि पोखरों का शहर है।

इसी तरह ठाणे में सिद्धेश्वर झील क्षेत्र के रूपादेवी पाड़ा स्थित नाले में जमा कचरे को इंगित कर ऐतिहासिक सिद्धेश्वर झील का निरीक्षण किया गया।उस समय अधिकारियों को बताया गया था कि जनप्रतिनिधियों की कमी के कारण अधिकारी प्रशासन पर नियंत्रण से मुक्त हैं और अपनी मर्जी से काम कर रहे हैं।

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(Udaipur Kiran) / रवीन्द्र शर्मा

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