शिमला, 22 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । जिला शिमला में स्थानीय क्षेत्र विकास निधि (एलएडीएफ) का 10 फीसदी मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना 2023 एवं मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना के कोष में खर्च किया जाएगा। यह फैसला शनिवार को बचत भवन में उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में आयोजित स्थानीय क्षेत्र विकास निधि की समीक्षा बैठक में लिया गया।
उपायुक्त ने कहा कि जिला में विभिन्न प्रोजेक्ट की 98 करोड़ 59 लाख 28 हजार 881 रूपये की स्थानीय क्षेत्र विकास निधि जमा करवानी शेष है तथा सभी संबधित प्रोजेक्ट को शीघ्र राशि जमा करवाने के लिए निर्देश दिए गए है। इसके अलावा मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना 2023 एवं मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना के लिए 10 फीसदी हिस्सा देने का फैसला लिया है ताकि लाभार्थियों को अधिक से अधिक लाभ मिल सके।
उन्होंने कहा कि जो प्रोजेक्ट औपचारिकताएं पूरी होने के बाद भी साइट पर कार्य नहीं कर रहे हैं, उनके लीज को लेकर सरकार के समक्ष मामला रखा जाएगा। वहीं उपायुक्त ने प्रोजेक्ट संचालकों को निर्देश दिए हैं कि प्रभावित पंचायतों में निर्धारित कार्यों को शीघ्र अति शीघ्र पूरा किया जाए।
रामपुर उपमंडल के तहत ज्यूरी एसएचईपी के 9 लाख 79 हजार 572 रूपये, जोगनी-2 एसएचईपी के 05 लाख 26 हजार 354 रूपये, कोटागड एसएचईपी के 22 लाख 90 हजार, गान्वी स्टेज -1 एचईपी के 1 करोड़ 48 लाख 62 हजार रूपये, अप्पर नानटी एचईपी के 1 करोड़ 57 लाख 23 हजार रूपये, गान्वी स्टेज-2 के 48 हजार 67 हजार रूपये, राजपुरा एचईपी के 1 करोड़ 10 लाख 64 हजार रूपये, जोगनी-01 एचईपी के 10 लाख 24 हजार 455 रूपये और लूहरी स्टेज-1 एचईपी के 28 करोड़ 70 रूपये, शिमला ग्रामीण उपमंडल से सुन्नी डेम एचईपी के 39 करोड़ रुपए, कोलडेम एचईपी के 11 करोड़ 40 लाख रूपये, रोहड़ू उपमंडल से शिमला एसएचईपी के 32 लाख 50 हजार रूपये, गुम्मा एचईपी स्टेज-3 के 6 लाख रूपये और जुब्बल उपमंडल के तहत सावड़ा कुडु के 13 करोड़ रूपये की राशि बकाया है।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
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