चंडीगढ़, 19 सितंबर (Udaipur Kiran) । हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर प्रचार ने जोर पकड़ लिया है लेकिन प्रचार से सांसद कुमारी सैलजा की दूरी बनाए रखने से कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए मुसीबत बढ़ गई है। कांग्रेस के एक समर्थक की जातिगत टिप्पणी करने का मामला तूल पकड़ गया। इसे लेकर कुमारी सैलजा नाराज बताई जा रही हैं।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री व कांग्रेस नेता कुमारी सैलजा पिछले करीब पांच दिन से कांग्रेस के मुख्य दृश्य से गायब हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े के पार्टी का घोषणा पत्र जारी किए जाने के दौरान भी कुमारी सैलजा मौजूद नहीं थी। हरियाणा में टिकट वितरण के दौरान से ही कांग्रेस की गुटबाजी बढ़ी हुई है। टिकट वितरण के दौरान कुमारी सैलजा के केवल दस समर्थकों को टिकट दिए गए जबकि हुड्डा समर्थक 74 प्रत्याशियों को मैदान में उतारा गया है। सैलजा की चुप्पी से हुड्डा खेमे में खलबली मची हुई है, क्योंकि उनकी चुप्पी का कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ सकता है और हुड्डा खेमे को सत्ता पाने की चाहत से दूर कर सकता है।
हरियाणा में कुमारी सैलजा अनुसूचित जाति से आती हैं और वह हरियाणा में कांग्रेस का बड़ा दलित चेहरा हैं। हरियाणा में 17 आरक्षित सीटें हैं। इसके अलावा सिरसा और फतेहाबाद की विधानसभा सीटों पर भी सैलजा का प्रभाव है। ऐसे में करीब 21 विधानसभा सीटें हैं, जहां कुमारी सैलजा प्रभाव रखती हैं। हरियाणा में 12 सितंबर को नामांकन के अंतिम दिन कांग्रेस ने उम्मीदवारों की अंतिम सूची जारी की थी। तब से ही कुमारी सैलजा चुप हैं, और उन्होंने चुनाव प्रचार से दूरी बना ली है। टिकट वितरण के अंतिम दिन नारनौंद में कांग्रेस उम्मीदवार जस्सी पेटवाड़ के नामांकन कार्यक्रम में एक समर्थक ने कुमारी सैलजा पर जातिगत टिप्पणी की थी। इस मामले ने तूल पकड़ा और जगह-जगह विरोध भी हो रहा है। दलित समाज सैलजा पर की गई टिप्पणी से आहत है। नारनौंद थाने में जस्सी पेटवाड़ समर्थक कांग्रेस कार्यकर्ता पर केस भी दर्ज हुआ है।
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(Udaipur Kiran) शर्मा