
नैनीताल, 19 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । कुमाऊं विश्वविद्यालय अपने सामाजिक उत्तरदायित्व को निभाते हुए भारत सरकार के ‘टीबी मुक्त भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने में योगदान देने के लिए एक नई पहल शुरू कर रहा है। इस कार्यक्रम के तहत विश्वविद्यालय आर्थिक रूप से कमजोर क्षय रोग (टीबी) के मरीजों को पोषण संबंधी सहायता और परामर्श प्रदान करेगा, जिससे उनका उपचार अधिक प्रभावी हो सके।
कुलपति प्रो. दीवान रावत ने बताया कि इस अभियान के अंतर्गत चिकित्सकों द्वारा अनुशंसित पोषण आहार मरीजों को उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाई जा सके। साथ ही कुमाऊँ विश्वविद्यालय के फार्मेसी विभाग के कुछ विद्यार्थी इन मरीजों की नियमित काउंसलिंग और सहायता करेंगे, ताकि वे अपनी दवा और उपचार संबंधी आवश्यकताओं को समय पर पूरा कर सकें। साथ ही उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का उद्देश्य केवल शिक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाना भी है। हमारे प्रयासों से जरूरतमंद टीबी मरीजों को उचित पोषण और सही परामर्श मिलेगा, जिससे वे जल्द स्वस्थ हो सकें।
8 मरीजों की पहचान, गोपनीयता होगी सुनिश्चित
नैनीताल। बताया गया है कि अब तक 8 जरूरतमंद मरीजों की पहचान की जा चुकी है, लेकिन उनकी गोपनीयता बनाए रखी जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उनकी पहचान सार्वजनिक न हो, जिससे वे बिना किसी सामाजिक दबाव के इस सहायता का लाभ उठा सकें।
(Udaipur Kiran) / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी
