ऊना, 30 अगस्त (Udaipur Kiran) । सौम्य, मिलनसार और हर समय जनता की सेवा के लिए तत्पर रहने वाले अधिकारी कुलदीप सिंह दयाल 31 अगस्त को सीडीपीईओ उना के पद से सेवानिवृत होने जा रहे हैं। उनकी कार्यकुशलता और कार्यशैली का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रिटायरमेंट से एक सप्ताह पहले ही विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों में उनके लिए विदाई समारोह आयोजित किए जा रहे हैं। जहां स्टाफ उन्हें अपने-अपने स्तर पर भावभीनी विदाई दे रहा है। ये इस अधिकारी की कुशलता का ही परिणाम है कि पोषण अभियान और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में ऊना जिला प्रदेश में ही नही अपितु देश में प्रथम रह रहा है।
इसके अलावा कुलदीप दयाल को दो बार विभाग की योजनाओं को धरातल पर उतरने और उत्कृष्ट सेवाएं देने के लिए भी प्रदेश सरकार द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। कल्याण व बाल विकास विभाग में कुलदीप सिंह दयाल ने 37 वर्ष अपनी सेवाएं दी हैं, जो कि एक लंबी समय अवधि है। एक कुशल अधिकारी होने के साथ-साथ कुलदीप दयाल बेहतर कर्मचारी नेता भी रहे हैं। अपने कार्यकाल के दौरान इन्होंने अपने विभाग की जनता से जुड़ी बड़ी से छोटी समस्या को बड़े ही सहज तरीके से हल करवाया, वहीं एक कर्मचारी लीडर के रूप में विभाग में कर्मचारियों को पेश आ रही विभिन्न समस्याओं को ना केवल सरकार व प्रशासन के समक्ष प्रमुखता से उठाया, बल्कि उनका समय रहते हल भी करवाया।
बता दें कि सीडीपीओ कुलदीप दयाल मूलतः विधानसभा क्षेत्र हरोली के गांव कांटे से हैं। वर्ष 1987 को इन्होंने कल्याण विभाग उना में बतौर क्लर्क ज्वाईन किया था। इस पद पर पांच साल सेंवाएं देने के बाद 1992 में सीनियर क्लर्क बनें और वेल्फेयर आफिस अंब में तैनाती मिली। 1996 में जूनियर असिस्टेंट और वर्ष 2000 में सीनियर असिस्टेंट के रूप में पदोन्नत हुए। फिर वर्ष 2014 में पदोन्नत होकर तहसील वेल्फेयर आॅफिसर बने जहां भी इन्होंने अपनी अनुकरणीय सेवांए दीं। वरिष्ठतता और इनकी कार्यकुशलता को देखते हुए सरकार ने 2020 में इन्हें सीडीपीओ की जिम्मेदारी सौंपी। तब कोरोना काल में भी कुलदीप दयाल ने विभाग की योजनाओं को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाया।
सीडीपीओ कुलदीप दयाल ने कहा की सेवानिवृति के बाद भी वह समाजसेवा के क्रम को जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि हिमाचल की अग्रणी समाजसेवी संस्था से जुड़ें हैं और इसके माध्यम से ही समाजसेवा के कार्य को आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा की समाजसेवा की प्रेरणा उन्हें स्वर्गीय कंवर हरि सिंह जी से मिली है, जिसे ताउम्र जारी रखा जाएगा।
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(Udaipur Kiran) / विकास कौंडल