मुंबई, 17 नवम्बर, (Udaipur Kiran) । जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, विपक्षी दल सोशल मीडिया के माध्यम से सत्तारूढ़ पार्टी बहुजन विकास आधाड़ी के विधायक क्षितिज ठाकुर पर आरोप लगा रहे हैं। जिला परिषद स्कूलों और ग्रामीण अस्पतालों की खराब स्थिति पर सवाल उठाते हुए उन्होंने ठाकुर को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है। लेकिन ठाकुर ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि उन्होंने बार-बार जिला परिषद को पत्र लिखकर स्कूलों और अस्पतालों को महानगरपालिका को सौंपने का अनुरोध किया, लेकिन परिषद ने ऐसा नहीं किया। नालासोपारा के विधायक ठाकुर ने विरार में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने लगातार किए गए प्रयासों की जानकारी देकर विपक्षियों को जवाब दिया। ठाकुर ने जिला परिषद के स्कूलों को महानगरपालिका को सौंपने में हो रही देरी पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इससे गरीब छात्रों को नुकसान हो रहा है।
क्षितिज ठाकुर ने आगे बताया कि आचार संहिता लागू होने से पहले भी पालघर में हुई एक बैठक में उन्होंने स्कूलों को महानगरपालिका को सौंपने की अपील की थी। ठाकुर ने यह भी कहा कि यदि स्कूल महानगरपालिका को दिए जाते हैं, तो वे निश्चित रूप से उनमें सुधार करके दिखाएंगे। सोशल मीडिया पर स्कूलों और अस्पतालों की बदहाली की तस्वीरें वायरल की जा रही हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए ठाकुर ने कहा कि ये स्कूल अभी भी जिला परिषद के और अस्पताल राज्य सरकार के अधीन हैं। उन्होंने विपक्षियों पर तंज कसते हुए कहा कि चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार को कम से कम इस बात की जानकारी होनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने महानगरपालिका अस्पतालों की स्थिति पर भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में शहर में महानगरपालिका के सात अस्पताल हैं, जिनका नागरिक बड़े पैमाने पर उपयोग कर रहे हैं। ठाकुर ने यह भी बताया कि महानगरपालिका अस्पतालों में अब तक 60,000 प्रसव हुए हैं। जब प्रविणा ठाकुर महापौर बनीं, तो उन्होंने अस्पतालों की सभी सेवाओं को मुफ्त कर दिया।
ठाकुर ने बताया कि आचोले में बन रहा मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल 400 बिस्तरों का होगा, जबकि पालघर में बन रहा अस्पताल केवल 200 बिस्तरों का होगा। उन्होंने कहा कि पूरे जिले के लिए बने अस्पताल की क्षमता इतनी कम है, जबकि नालासोपारा क्षेत्र के लिए प्रस्तावित अस्पताल की क्षमता ज्यादा है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि इसमें कौन-कौन सी सुविधाएं होंगी। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर ग्रामीण अस्पतालों को महानगरपालिका को सौंपा जाता है, तो वे निश्चित रूप से उनमें सुधार करके दिखाएंगे। आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए ठाकुर ने विस्तार से जवाब दिया और इसके लिए राज्य सरकार और जिला परिषद को जिम्मेदार ठहराया। सोशल मीडिया पर झूठे आरोपों और गलत जानकारी फैलाने की कोशिशों के बीच, ठाकुर ने विपक्षी उम्मीदवारों को सार्वजनिक मंच पर आमने-सामने बहस के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि आरोप लगाने के लिए विपक्षियों में ताकत और हिम्मत नहीं है। इस चुनौती ने विपक्षियों को बैकफुट पर ला दिया है।
(Udaipur Kiran) / कुमार