मॉस्को, 25 मार्च (Udaipur Kiran) । रूस और अमेरिका काला सागर में व्यापारी जहाजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक नए समझौते पर चर्चा करने जा रहे हैं। क्रेमलिन ने सोमवार को कहा कि पहले हुए समझौते के कुछ महत्वपूर्ण हिस्से पूरे नहीं हुए थे, जिस पर अब नए सिरे से बातचीत की जाएगी।
क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव के अनुसार, ब्लैक सी इनिशिएटिव यानी काला सागर अनाज समझौता, सोमवार को सऊदी अरब में रूसी और अमेरिकी अधिकारियों के बीच होने वाली वार्ता का एक प्रमुख विषय होगा। उन्होंने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस मुद्दे पर चर्चा का प्रस्ताव दिया था, जिसे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने स्वीकार कर लिया है।
पेसकोव ने कहा, यह चर्चा मुख्य रूप से नौवहन (शिपिंग) की सुरक्षा पर केंद्रित होगी। हालांकि, यदि आप पहले हुए समझौते को याद करें, तो हमारे देश से किए गए कई महत्वपूर्ण वादे पूरे नहीं किए गए थे। इसलिए, इस मुद्दे को भी वार्ता के दौरान उठाया जाएगा।
तुर्की और संयुक्त राष्ट्र ने जुलाई 2022 में ब्लैक सी ग्रेन इनिशिएटिव की मध्यस्थता की थी, जिससे युद्ध के बावजूद यूक्रेन के लगभग 3.3 करोड़ टन अनाज को सुरक्षित रूप से काला सागर के माध्यम से निर्यात करने की अनुमति मिली थी। लेकिन रूस ने 2023 में इस समझौते से खुद को अलग कर लिया था।
रूस का कहना था कि उसके अपने खाद्य और उर्वरक निर्यात को लेकर गंभीर बाधाएं आ रही हैं, जबकि पश्चिमी देशों का दावा था कि रूसी अनाज व्यापार में कोई बड़ी समस्या नहीं है। हालांकि, रूस को मुख्य रूप से भुगतान प्रणाली, लॉजिस्टिक्स और बीमा से जुड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था।
रूस चाहता है कि उसके अमोनिया निर्यात को फिर से शुरू किया जाए और उसकी सरकारी कृषि बैंक रोसेलखोजबैंक को अंतरराष्ट्रीय भुगतान प्रणाली स्विफ्ट (SWIFT) से जोड़ा जाए। जुलाई 2022 में संयुक्त राष्ट्र ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके तहत रूस को अपने खाद्य और उर्वरक उत्पादों को विदेशी बाजारों में पहुंचाने में सहायता दी जानी थी।
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(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय
