Uttrakhand

नैनीताल के कोतवाल पर दुष्कर्म पीड़िता नाबालिग की पहचान उजागर करने का आरोप

जिला बार के सचिव दीपक रुवाली।

नैनीताल, 14 मई (Udaipur Kiran) । नैनीताल की मल्लीताल कोतवाली के कोतवाल एक बड़ी समस्या में फंसते नजर आ रहे हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने गत दिनों नगर में एक 12 वर्षीय बालिका के साथ हुई दुष्कर्म की घटना के मामले में नाबालिग पीड़िता की पहचान उजागर कर दी है। इस संबंध में उनके विरुद्ध जिला बार संघ के सचिव ने जनपद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व जिलाधिकारी के साथ मंडलायुक्त को पत्र भेजकर उनके विरुद्ध अभियोग दर्ज करने की मांग की है।

बार के सचिव दीपक रुवाली ने भेजे गये पत्र में आरोप लगाया गया है कि कोतवाल ने इस घटना के बाद हुई मारपीट आदि की घटना का अपनी ओर से अभियोग दर्ज कराते हुए नाबालिग पीड़िता की मां की पहचान उजागर कर लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम (पोक्सो अधिनियम) का उल्लंघन किया है।

पत्र में कहा गया है कि कोतवाल ने जानबूछकर दुष्कर्म के आरोपित के दबाव में आकर स्वयं कानून की व्यापक जानकारी रखते हुए भी नाबालिग पीड़िता की मां को समाज में नीचा दिखाने व उसकी पहचान को उजागर करने के उद्देश्य से प्राथमिकी में उसका वास्तविक नाम उजागर किया है। जबकि कानून के तहत पीड़िता और उसके परिजनों की पहचान को गोपनीय रखना अनिवार्य है और मां का नाम सार्वजनिक करने से पीड़िता की पहचान स्वतः स्पष्ट हो जाती है, जो पोक्सो अधिनियम के अंतर्गत एक गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। इसलिए उन्होंने कोतवाल के विरुद्ध तत्काल कार्रवाई की मांग की है।

(Udaipur Kiran) / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी

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नैनीताल के कोतवाल पर दुष्कर्म पीड़िता नाबालिग की पहचान उजागर करने का आरोप

जिला बार के सचिव दीपक रुवाली।

नैनीताल, 14 मई (Udaipur Kiran) । नैनीताल की मल्लीताल कोतवाली के कोतवाल एक बड़ी समस्या में फंसते नजर आ रहे हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने गत दिनों नगर में एक 12 वर्षीय बालिका के साथ हुई दुष्कर्म की घटना के मामले में नाबालिग पीड़िता की पहचान उजागर कर दी है। इस संबंध में उनके विरुद्ध जिला बार संघ के सचिव ने जनपद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व जिलाधिकारी के साथ मंडलायुक्त को पत्र भेजकर उनके विरुद्ध अभियोग दर्ज करने की मांग की है।

बार के सचिव दीपक रुवाली ने भेजे गये पत्र में आरोप लगाया गया है कि कोतवाल ने इस घटना के बाद हुई मारपीट आदि की घटना का अपनी ओर से अभियोग दर्ज कराते हुए नाबालिग पीड़िता की मां की पहचान उजागर कर लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम (पोक्सो अधिनियम) का उल्लंघन किया है।

पत्र में कहा गया है कि कोतवाल ने जानबूछकर दुष्कर्म के आरोपित के दबाव में आकर स्वयं कानून की व्यापक जानकारी रखते हुए भी नाबालिग पीड़िता की मां को समाज में नीचा दिखाने व उसकी पहचान को उजागर करने के उद्देश्य से प्राथमिकी में उसका वास्तविक नाम उजागर किया है। जबकि कानून के तहत पीड़िता और उसके परिजनों की पहचान को गोपनीय रखना अनिवार्य है और मां का नाम सार्वजनिक करने से पीड़िता की पहचान स्वतः स्पष्ट हो जाती है, जो पोक्सो अधिनियम के अंतर्गत एक गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। इसलिए उन्होंने कोतवाल के विरुद्ध तत्काल कार्रवाई की मांग की है।

(Udaipur Kiran) / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी

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