कोरबा, 27 जनवरी (Udaipur Kiran) । कोरबा नगर निगम चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस ने अपने प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया है। बीजेपी ने संजू देवी राजपूत को अपना प्रत्याशी बनाया है, जबकि कांग्रेस ने उषा तिवारी को अपना प्रत्याशी बनाया है।
भाजपा उम्मीदवार संजू देवी राजपूत पूर्व में पार्षद रह चुकी हैं और भाजपा महिला मोर्चा में लंबे समय से जुड़ी हुई हैं। वह पूर्वांचल समाज से जुड़ी हुई हैं और नगर निगम कोरबा में पूर्वांचल वासियों की संख्या अधिक होने के कारण उनको इसका सीधा फायदा मिलेगा।
कांग्रेस उम्मीदवार उषा तिवारी कांग्रेस में 35 वर्षो से सक्रिय राजनीति कर रही हैं और उन्होंने साल 2014 के नगर निगम चुनाव में सामान्य वर्ग महिला के लिए सीट आरक्षित होने पर टिकट की दावेदारी की थी। लेकिन उस वक्त पार्टी ने उन्हें दरकिनार कर पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल की पत्नी रेणु अग्रवाल को उम्मीदवार बनाया था।
कोरबा नगर निगम के राजनीतिक समीकरण को देखें तो यहां पूर्वांचल क्षेत्र की बड़ी आबादी शहरी के साथ ही उपनगरीय क्षेत्र में निवास करती है। ऐसे में पूर्वांचल से आने वाली संजू देवी राजपूत को टिकट मिलने से इसका सीधा फायदा मिलेगा। इसके साथ ही संजू देवी राजपूत की जमीनी स्तर पर सक्रिय राजनीति का भी उनको फायदा मिलेगा।
कोरबा नगर निगम की महापौर सीट पर भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला होगा। भाजपा ने संजू देवी राजपूत को अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि कांग्रेस ने उषा तिवारी को अपना उम्मीदवार बनाया है। दोनों ही उम्मीदवार अपने अपने क्षेत्र में मजबूत हैं और चुनावी मैदान में सीधा मुकाबला होगा।
कोरबा नगर निगम का राजनीतिक समीकरण
कोरबा नगर निगम के महापौर सीट के लिए भाजपा और कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दिया है। मौजूदा राजनीति पर नजर डाले तो कांग्रेस और भाजपा ने भले ही अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दिया है। लेकिन कोरबा नगर निगम की महापौर सीट पर उम्मीदवारों से ज्यादा मौजूदा मंत्री लखनलाल देवांगन और पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल की साख दांव पर लगी हुई है। ऐसे में उषा तिवारी के नाम का ऐलान होने के बाद जहां कांग्रेस एक बार फिर जहां एकजुटता के साथ चुनाव लड़कर लगातार तीसरी बार कांग्रेस का महापौर बनाने की जुगत लगायेगी।
वहीं मंत्री लखनलाल देवांगन निगम की सत्ता से कांग्रेस को उखाड़ फेंकने में अपनी ताकत झोंकते नजर आयेंगे। वहीं जाति समीकरण की बात करे तो कोरबा नगरीय निकाय क्षेत्र में ब्राम्हण के साथ ही पूर्वांचल के काफी मतदाता है। लेकिन इस लड़ाई में छत्तीसगढ़िया वोटर के साथ ही स्थानीय मुद्दे चुनाव पर काफी असर डालेंगे। ऐसे में भाजपा और कांग्रेस के बीच यह मुकाबला एक तरफा न होकर काफी रोचक और कड़ा होने वाला है। जिस पर पूरे प्रदेश की नजर रहेगी।
कांग्रेस के लिए आसान नहीं है राह
वरिष्ठ पत्रकार एवं राजनैतिक विश्लेषक गेंदालाल शुक्ला के अनुसार, कोरबा में पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल के प्रभाव की वजह से उनकी धर्मपत्नी और गृहणी रेणु अग्रवाल पूर्व में मेयर बनीं। उसके बाद कांग्रेस से ही राजकिशोर प्रसाद को यह कुर्सी मिली। मगर इस साल चुनावी समीकरण बदला हुआ है। प्रदेश में भाजपा की सरकार है, वहीं कोरबा के लखनलाल देवांगन कैबिनेट मंत्री हैं। ऐसे में यह सीट जीतना कांग्रेस के लिए भी आसान नहीं होगी।
(Udaipur Kiran) /हरीश तिवारी
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(Udaipur Kiran) / हरीश तिवारी