Jharkhand

कोडरमा-बरकाकाना रेलखंड का होगा दोहरीकरण, 133 किमी तक बिछेगी पटरी

परियोजना का प्रोजेक्ट

रामगढ़, 11 जून (Udaipur Kiran) । रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रामगढ़ वासियों को बड़ी सौगात दी है। केंद्र सरकार के कैबिनेट की बुधवार काे हुई बैठक में कोडरमा-बरकाकाना रेलखंड को दोहरीकरण करने का फैसला लिया गया है। फैसले के अनुसार 133 किलोमीटर तक पटरी बिछाई जाएगी। रांची पटना के बीच सबसे छोटा रेलखंड यही है। इसके बाद झारखंड से पटना जाने वाले लोगों को काफी सहूलियत हो जाएगी।

सबसे ज्यादा लाभ इसका रामगढ़वासियों को मिलेगा। इसके अलावा हजारीबाग, चतरा और कोडरमा जिले के निवासी भी इससे बड़े पैमाने पर लाभान्वित होंगे। कैबिनेट ने झारखंड, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के सात जिलों को शामिल करते हुए भारतीय रेल की दो मल्टी ट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी‌। इससे मौजूदा नेटवर्क में करीब 318 किलोमीटर की वृद्धि होगी। रेल मंत्रालय का दावा है कि इस पहल के बाद यात्रा सुविधा में विस्तार होगा, लॉजिस्टिक लागत घटेगी, तेल आयात में कमी और कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में गिरावट होगी।

6,405 करोड़ की लागत से पूरी होगी परियोजना

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने रेल मंत्रालय की दो परियोजनाओं को मंजूरी दी है। जिनकी कुल लागत 6,405 करोड़ रुपये है। कोडरमा-बरकाकाना दोहरीकरण (133 किलोमीटर) परियोजना खंड झारखंड के एक प्रमुख कोयला उत्पादक क्षेत्र से होकर गुजरता है। इसके अतिरिक्त यह पटना और रांची के बीच सबसे छोटा और अधिक कुशल रेल संपर्क है। बेल्लारी-चिकजाजुर दोहरीकरण (185 किलोमीटर) परियोजना लाइन कर्नाटक के बेल्लारी और चित्रदुर्ग जिलों और आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले से होकर गुजरती है।

खनिज परिवहन के लिए जरूरी है यह मार्ग

कोयला, लौह अयस्क, परिष्कृत इस्पात, सीमेंट, उर्वरक, कृषि वस्तुओं और पेट्रोलियम उत्पादों जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए यह मार्ग बेहद महत्‍वपूूूर्ण है। क्षमता वृद्धि कार्यों के परिणामस्वरूप 49 एमटीपीए (मिलियन टन प्रति वर्ष) का अतिरिक्त माल यातायात होगा। रेलवे पर्यावरण का अनुकूल और ऊर्जा सक्षम साधन है। इससे जलवायु लक्ष्यों को अर्जित करने और देश की लॉजिस्टिक्स लागत को घटाने, तेल आयात (52 करोड़ लीटर) को कम करने और कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन (264 करोड़ किलोग्राम), जो 11 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है, को कम करने में मदद मिलेगी।

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(Udaipur Kiran) / अमितेश प्रकाश

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