
मुंबई, 30 मई ( हि.स) । आमतौर पर निजी अस्पतालों में लाखों में होने वाली घुटने की सर्जरी अब ठाणे सिविल अस्पताल में सफलतापूर्वक की जा रही है। गुरुवार को सिविल अस्पताल में 24 वर्षीय एक व्यक्ति के घुटने की एक कठिन और जोखिम भरी सर्जरी सफलतापूर्वक की गई।
ठाणे के डॉ प्रशांत सिनकर ने बताया कि ओडिशा के मूल निवासी अजय ( उम्र 24नाम परिवर्तित)ने ही उन्हें बताया था कि किस प्रकार से पांच साल पहले काम से जुड़ी एक दुर्घटना में वे गंभीर रूप से घायल हो गए थे। तब से, उनके पैर में लगातार दर्द हो रहा था। वह वर्तमान में काम के लिए ठाणे में रहते हैं। कुछ दिन पहले, वह ठाणे सिविल अस्पताल पहुंचे क्योंकि उनके पैर में अधिक दर्द होने लगा था।
ठाणे सिविल अस्पताल में जांच, एक्स-रे और एमआरआई परीक्षणों के बाद पता चला कि अजय के घुटने का एक लिगामेंट पूरी तरह से फट गया था और मेनिस्कस फट गया था। अतिरिक्त जिला शल्य चिकित्सक एवं हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. धीरज महांगड़े ने बताया कि यह स्थिति गंभीर एवं तकनीकी रूप से जटिल थी। घुटने के लिगामेंट एवं कार्टिलेज को पहले जैसी स्थिति में लाना थोड़ा चुनौतीपूर्ण था। इसलिए जिला शल्य चिकित्सक डॉ. कैलाश पवार के मार्गदर्शन में अजय की लेप्रोस्कोपिक सर्जरी करने का निर्णय लिया गया। 28 मई गुरुवार को सर्जरी सफलतापूर्वक पूरी हो गई। अजय के घुटने में नया लिगामेंट लगाया गया है, साथ ही फटी हुई कार्टिलेज को भी ठीक किया गया है। अतिरिक्त जिला शल्य चिकित्सक एवं हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. धीरज महांगड़े, डॉ. मोहन मुराडे, डॉ. दीपेश पाटिल, डॉ. प्रियंका महांगड़े, डॉ. रूपाली यादव, जागृति गायकर मिलिंद दौंडे, रत्नाकर ठाकरे आदि ने इस सफल सर्जरी के लिए अथक प्रयास किया। यदि घुटने की सर्जरी किसी निजी अस्पताल में की जाती तो इसकी लागत लाखों में होती। जिला सर्जन डॉ कैलाश पवार का कहना है कि सिविल अस्पताल के विशेषज्ञ डॉक्टरों की विशेषज्ञता के कारण अजय( बदला हुआ नाम) को निशुल्क एवं प्रभावी उपचार मिला। सिविल अस्पताल में अत्याधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं। इसलिए भविष्य में मरीजों के लिए ऐसी कठिन सर्जरी अधिक प्रभावी ढंग से की जा सकेगी,
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(Udaipur Kiran) / रवीन्द्र शर्मा
