

बंगाईगांव (असम), 19 अप्रैल (Udaipur Kiran) । भारत और भूटान के बीच व्यापारिक संबंधों को नई दिशा देने वाले असम के जोगीघोपा में स्थित अंतर्देशीय जल परिवहन (आईडब्ल्यूटी) टर्मिनल का आज भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने दौरा किया। इस दौरान उन्होंने टर्मिनल की कार्यप्रणाली और तकनीकी क्षमताओं का अवलोकन किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस टर्मिनल को “बेहतर बुनियादी ढांचे की दिशा में एक उल्लेखनीय कदम” बताते हुए आंतरिक जलमार्गों को “प्रगति और समृद्धि का मार्ग” बताया है।
यह टर्मिनल 18 फरवरी 2025 को केन्द्रीय पोर्ट, शिपिंग एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और भूटान सरकार के उद्योग, वाणिज्य एवं रोजगार मंत्री ल्योंपो नामग्याल दोरजी द्वारा संयुक्त रूप से उद्घाटित किया गया था। उसी दिन से यहां से माल ढुलाई शुरू हो चुकी है।
भ्रमण के दौरान केंद्रीय मंत्री सोनोवाल ने कहा, “यह एक ऐतिहासिक पल है जब भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने नव उद्घाटित जोगीघोपा आईडब्ल्यूटी टर्मिनल और जोगीघोपा मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क का दौरा किया। ये दोनों परियोजनाएं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ के तहत समावेशी विकास और सतत प्रगति के लक्ष्य से जुड़ी हैं।”
यह टर्मिनल भूटान के गेलफू से 91 किमी, बांग्लादेश सीमा से 108 किमी और गुवाहाटी से 147 किमी की दूरी पर स्थित है, जिससे यह भारत, भूटान और बांग्लादेश के बीच व्यापारिक गतिविधियों का अहम केंद्र बन गया है। यह टर्मिनल भारत-बांग्लादेश के बीच पीडब्ल्यूटी एंड टी समझौते के तहत घोषित पोर्ट ऑफ कॉल में से एक है। वर्ष 2027 तक इस टर्मिनल से प्रति वर्ष 11 लाख टन माल ढुलाई की उम्मीद है।
करीब 82 करोड़ रुपये की लागत से बने इस टर्मिनल में आरसीसी जेट्टी, इलेक्ट्रिक लेवल लफिंग क्रेन, प्रशासनिक भवन, कस्टम्स व इमिग्रेशन ऑफिस, ट्रक पार्किंग, 1100 वर्ग मीटर का कवर स्टोरेज एरिया (बिजली बैकअप के साथ) और 11,000 वर्ग मीटर का ओपन स्टोरेज क्षेत्र शामिल है।
इस अवसर पर असम सरकार के मंत्री जयंतमल्ल बरुवा, मुख्य सचिव रवि कोटा, आईडब्ल्यूएआई के निदेशक, जिला प्रशासन व आईडब्ल्यूएआई के वरिष्ठ अधिकारी तथा भूटान सरकार के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।
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(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश
