पेशावर/इस्लामाबाद, 05 सितंबर (Udaipur Kiran) । पाकिस्तान में खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर ने इस्लामाबाद की एक अदालत के गैर-जमानती वारंट के खिलाफ आज सुबह पेशावर हाई कोर्ट में गुहार लगाई। उन्होंने निचली अदालत के हथियार और शराब की बरामदगी से संबंधित एक मामले में जारी गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट पर अस्थायी जमानत देने की मांग की, ताकि वह संबंधित अदालत में पेश हो सकें।
डॉन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, एक दिन पहले सिविल जज शाइस्ता खान कुंडी ने बाराकाहू पुलिस स्टेशन हाउस ऑफिसर को गंडापुर को गिरफ्तार कर अदालत के सामने पेश करने का आदेश दिया था। इसके बाद पुलिस ने उन्हें तीन बार बुलाया पर वह नहीं गए। उनके वकील राजा जहूरुल हसन ने कहा कि गंडापुर अस्वस्थ हैं। वह मेडिकल रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। वकील हसन के सहायक फतहुल्लाह बुर्की ने कहा कि बाढ़ के कारण मुख्यमंत्री अदालत में उपस्थित नहीं हो सके।
डॉन के अनुसार, बाराकाहू पुलिस को गंडापुर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट प्राप्त हो गया है। अदालत ने एसएचओ को तत्काल अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। इस्लामाबाद पुलिस ने भी गंडापुर के वकीलों को गिरफ्तारी वारंट की प्रति उपलब्ध कराते हुए कहा है कि इस संबंध में मुख्यमंत्री आवास को भी सूचित किया जा रहा है। गंडापुर को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) का तेजतर्रार नेता माना जाता है।
हाई कोर्ट में दाखिल की गई जमानत याचिका में तर्क दिया गया है कि मुख्यमंत्री को बरी करने की एक याचिका पहले से ही लंबित है। गंडापुर ने निचली अदालत के गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट को अमान्य घोषित करने की भी मांग की है। अभियोजन पक्ष के अनुसार, अक्टूबर 2016 में पांच कलाश्निकोव राइफल, एक पिस्तौल, छह मैगजीन, एक बुलेट प्रूफ जैकेट, तीन आंसू गैस के गोले और शराब की बोतलें बरामद होने के बाद पीटीआई नेता गंडापुर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। गंडापुर तब प्रांतीय मंत्री थे।
(Udaipur Kiran) / मुकुंद