अजमेर, 28 दिसम्बर (Udaipur Kiran) । अजमेर वाले ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के 813वें सालाना उर्स का झंडा शनिवार को बुलंद दरवाजे पर चढ़ा दिया गया। भीलवाड़ा से आए फखरुद्दीन गौरी परिवार के लोगों ने पूरे जलसे के साथ उर्स का झंड़ा चढ़ाने की रस्म अदायगी की। इस दौरान ख्वाजा की शान में कव्वाली और कलाम पेश किए गए। झंडे के जुलूस के दौरान बड़े पीर साहब की पहाड़ी से तोप के गोले दागे गए।
अंजुमन के उर्स कन्वीनर सैयद हसन हाशमी ने बताया कि उर्स की अनौपचारिक शुरुआत हो गई है। अब उर्स चांद दिखाई देने पर 1 या 2 जनवरी से शुरू होगा।
पाक जायरीन जत्था आएगा
ख्वाजा साहब के सालाना उर्स में भाग लेने के लिए पड़ोसी पाकिस्तान से सरकारी स्तर पर 300 जायरीन आएंगे। तय कार्यक्रम के मुताबिक पाकिस्तानी जायरीन स्पेशल ट्रेन से 6 जनवरी को अजमेर पहुंचेंगे। पाक जायरीन का 12 जनवरी तक अजमेर में ही ठहरने का कार्यक्रम है।
यहां यह उल्लेखनीय है कि चांद दिखने पर ख्वाजा का 6 दिवसीय उर्स एक या दो जनवरी से शुरू हो जाएगा। पाक जायरीन को अजमेर के पुरानी मंडी स्थित राजकीय सेंट्रल गर्ल्स स्कूल में ठहराया जाएगा। प्रतिवर्ष पाक जायरीन को इस स्कूल में ठहराया जाता है। हालांकि सर्दी के कारण इन दिनों 6 जनवरी तक सरकारी स्कूलों में अवकाश है, लेकिन प्रशासन के सूत्रों के अनुसार पाक जायरीन के ठहराव को देखते हुए सेंट्रल गर्ल्स स्कूल में 15 जनवरी तक अवकाश घोषित किया गया है। पाक जायरीन के आने से पहले ही स्कूल भवन को सुरक्षा के घेरे में ले लिया गया है।
पाक जायरीन के आने की खबर के साथ ही प्रशासन ने भी तैयारियां शुरू कर दी है लेकिन इसबार प्रशासन को यह संतोष की बात है कि पाक जायरीन ख्वाजा साहब के उर्स के समापन पर अजमेर आ रहे हैं। यदि 1 जनवरी को चांद दिख गया तो धार्मिक दृष्टि से 6 दिवसीय उर्स का समापन 6 जनवरी को हो जाएगा। जायरीन की भीड़ इन 6 दिनों में ही होती है।
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(Udaipur Kiran) / संतोष